
मध्य प्रदेश के जंगलों में बाघों का कुनबा बढ़ने के साथ ही आपसी संघर्ष के मामले भी बढ़ गए हैं। रविवार को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर रेंज में एक और बाघ का शव पाया गया। वनाधिकारियों ने मौत का कारण आपसी संघर्ष बताया है।
करीब सवा महीने के भीतर यहां तीसरे बाघ की मौत आपसी संघर्ष में हुई है। इस वर्ष इस पार्क में आठ बाघों की मौत हो चुकी है। बाघ युवा नर था। उसका शव मानपुर बफर के बीट पटेहरा ए में गश्ती दल ने देखा। उसके पेट पर लंबा चीरा था, जो शायद आपसी संघर्ष के दौरान मजबूत नाखून से लगा होगा। हालांकि दबी जुबान यह भी कहा जा रहा है कि आपसी संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं।
यह घटना मानपुर बफर रेंट के बीट पटेहरा ए के पीएफ क्रमांक 641 में हुई है। इस बारे में वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पाया गया शव नर बाघ का है। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि इस साल अभी तक उमरिया जिले में नौ बाघों की मौत हो चुकी है, जिसमें से आठ बाघ बांधवगढ़ में मरे और आठ में से तीन की पिछले एक महीने दस दिनों के अंदर मानपुर रेंज में मौत हुई।
बाघ की मौत के बाद यह जानकारी सामने आ रही है कि मानपुर बफर रेंज के पटेहरा बीट के प्लांटेशन में यह बाघ शनिवार की शाम को दिखाई दे रहा था।
इस बाघ को देखने के लिए गांव के लोगों की भीड़ भी लगी हुई थी। सुबह यह बाघ इसी बीट में मृत अवस्था में पाया गया है। इस मामले में यह भी कहा जा रहा है कि बाघ के बार-बार हमले से गुस्साए ग्रामीणों ने इसे लाठियों से पीटकर मार डाला है। हालांकि इस तरह की किसी घटना की वन विभाग ने पुष्टि नहीं की है।