
खुद को जिलाधिकारी तो कभी समीक्षा अधिकारी बताकर नौकरी लगवाने के नाम पर 70 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को ज्वालापुर और रानीपुर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अभी उसके तीन साथी फरार हैं।
आरोपी गैंग बनाकर नौकरी का झांसा देकर लोगों से रकम ठग रहा था। एक अन्य युवती को भी शादी का झांसा देकर नौकरी लगाने के नाम प्लॉट और कार हड़प ली थी। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि 21 सितंबर को ज्वालापुर कोतवाली में चेतना अरोड़ा निवासी खन्ना नगर ने मुकदमा दर्ज कराया था। निहार कर्णवाल निवासी खन्नानगर ने उसे खुद को डीएम बताकर पहले पीडब्ल्यूडी में निरीक्षण अधिकारी और फिर एसडीएम के पद पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर धोखाधड़ी की थी।
आरोपी निहार के पिता राजेंद्र कर्णवाल ने बीते करीब दो सप्ताह पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। चर्चाएं थीं कि आरोपी की करतूत से परेशान होकर पिता ने आत्महत्या की है।