
प्रदेश की धामी सरकार लगातार ही स्वरोजगार पर जोर दे रही है। इसके पीछे मंशा गांवों से पलायन की रोकथाम के साथ ही प्रवासियों की घर वापसी सुनिश्चित कर उनके अनुभवों के आधार उन्हें स्वरोजगार से जोड़ना भी है। इस सिलसिले में कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, लेकिन आशानुरूप परिणाम का इंतजार है। इसे देखते हुए स्वरोजगार योजनाओं के मानकों में शिथिलीकरण अथवा बदलाव के लिए भी पहल हो रही है।
इसी कड़ी में पलायन निवारण आयोग अब राज्य में सफल उद्यमियों के अनुभव व सुझाव जानने के उद्देश्य से उनके सम्मेलनों की श्रृंखला शुरू करने जा रहा है। पांच व छह दिसंबर को पौड़ी में तीन जिलों के उद्यमियों के सम्मेलन से इसकी शुरुआत होगी।