
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिया कि वह ऋषिकेश में भाजपा के पूर्व नेता विनोद आर्या के बेटे पुलकित के रिजार्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय लड़की की हत्या के मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी ने राज्य सरकार द्वारा पेश की गईं दो स्टेटस रिपोर्ट पर गौर किया और मामले की सुनवाई फरवरी 2024 तक के लिए स्थगित कर दी।
सुनवाई के दौरान मृतक अंकिता भंडारी के परिवार के सदस्यों की ओर से अदालत में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कालिन गोंसाल्वेज ने मामले की सीबीआइ से जांच कराने का अनुरोध किया। जांच को लेकर चिंता जताते हुए गोंजाल्वेस ने आरोप लगाया कि रिजार्ट से कोई फुटेज या फोरेंसिक सुबूत एकत्र नहीं किया गया।गोंजाल्वेस की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने उप महाधिवक्ता जतिंदर कुमार सेठी की दलीलें सुनीं जो मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल और राज्य सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए थे।
सेठी ने कहा कि मामले की गहन जांच तमिलनाडु की एक महिला आइपीएस अधिकारी की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय एसआइटी ने की है। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपित पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता और सौरभ भास्कर के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र दायर किया गया है। सेठी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने 18 मार्च को उनके खिलाफ आरोप तय किए थे और अभियोजन पक्ष के 27 गवाहों से पूछताछ की गई है, जिनमें मृतक के माता-पिता, भाई, चाचा और प्रेमी शामिल हैं।
उन्होंने कोर्ट को सूचित किया कि राज्य ने मामले में सबसे वरिष्ठ लोक अभियोजक को नियुक्त किया था, लेकिन बाद में, मृतका के माता-पिता के अनुरोध पर, उनकी पसंद के अभियोजक को नामित किया गया था। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।