
प्रदेश के तीनों ऊर्जा निगमों ने नियामक आयोग को अगले वित्तीय वर्ष के लिए याचिकाएं भेज दी हैं। इनमें किए गए प्रस्तावों से उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है।हालांकि, इस पर नियामक आयोग को अंतिम निर्णय लेना है।
तीनों की याचिकाओं का अध्ययन करने के बाद आयोग इनकी कमियां दूर करने के लिए निगम को पत्र भेजेगा। इसके बाद याचिकाओं को सार्वजनिक कर दिया जाएगा, फिर आयोग इनकी जनसुनवाई करने के साथ ही सुझाव भी मांगेगा। इस आधार पर नई दरों पर आयोग निर्णय लेगा, जो एक अप्रैल से लागू होंगी।
उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने अपनी याचिका में करीब 440 करोड़ रुपये की रकम को सब्सिडी के तौर पर दिखाया है। यानी सरकार अगर यह पैसा सब्सिडी के तौर पर निगम को देगी, तो विद्युत दरों में करीब 23 प्रतिशत और अगर नहीं देगी तो 27 प्रतिशत बढ़ोतरी हो जाएगी। यूपीसीएल ने ये भी बताया कि उन्होंने इस वित्तीय वर्ष में बिजली खरीद पर करीब खर्च 8700 करोड़ रुपये होगा, जो अगले वित्तीय वर्ष में 8900 करोड़ रुपये पार जाने का अनुमान है। इस लिहाज से यूपीसीएल ने 23-27 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है, जिसका असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा।