
दक्षिण पश्चिम जिला साइबर सेल ने टेलीग्राम पर लाइक और शेयर करने के नाम पर साइबर ठगी करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान शाहदरा निवासी हरीश कुमार, झांसी यूपी के कृष्णा नगर कालोनी निवासी विपुल शर्मा, नोएडा गौतमबुद्ध नगर निवासी शिव प्रताप और मोहन गार्डन निवासी ओम प्रकाश के रूप में हुई है। इनके कब्जे से पुलिस ने चार मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपी विदेश से सिंडिकेट चलाने वाले जालसाजों को बैंक खाता मुहैया करवाते थे।
पिछले साल 13 अगस्त को वेस्ट सागरपुर निवासी आशीष ने साइबर सेल से ठगी की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि नौ अगस्त को कुछ जालसाजों ने व्हाट्स एप के जरिए उनसे संपर्क किया। उन्होंने खुद को कैरियर बिल्डर लिमिटेड का कर्मचारी बताया। उन्होंने उन्हें गूगल पर रेस्तरां को रेटिंग देकर पैसे कमाने की बात कही। सहमति के बाद आरोपियों ने 11 अगस्त को उन्हें एक टेलीग्राम समूह में जोड़ लिया। उनलोगों ने गूगल मानचित्र पर रेस्तरां को रेटिंग देने का काम सौंपा। प्रत्येक कार्य के लिए उन्हें डेढ़ सौ रुपये का भुगतान किया गया। इसके बाद उन्हें कंपनी में हजार और 1300 रुपये निवेश करने पर मुनाफा देने का झांसा दिया। फिर उन्हें एक निश्चित रिटर्न के साथ निवेश के लिए बड़ी रकम का भुगतान करने के लिए कहा गया। शिकायतकर्ता ने अच्छे रिटर्न के लिए 23.23 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
मुनाफा नहीं मिलने पर पीड़ित ने उनसे पैसे वापस मांगे, लेकिन जालसाजों ने अधिक निवेश किए बिना पैसे नहीं निकालने की बात कही। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने साइबर सेल से शिकायत की। खातों की जांच में पता चला कि पैसे शाहदरा निवासी हरीश कुमार के बैंक खाते में ट्रांसफर हुए हैं। पुलिस टीम ने हरीश की तलाश कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसने पांच फीसदी कमीशन पर अपना खाता विपुल शर्मा को बेच दिया था। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर विपुल को गिरफ्तार कर लिया।
उसने बताया कि वह जालसाजों को बैंक खाते मुहैया करवाने के लिए कई टेलीग्राम समूहों में शामिल हो गया। वह टेलीग्राम के माध्यम से ओम प्रकाश के संपर्क में आया। ओमप्रकाश टेलीग्राम समूहों का सक्रिय सदस्य था। वह बैंक खाता खरीदता था। उसने बताया कि हरीश कुमार का बैंक खाता ओम प्रकाश को बेच दिया। पिछले साल नौ अगस्त को वह एक होटल में हरीश कुमार से मिला। ओम प्रकाश ने उसकी सहायता के लिए शिव प्रताप को भेजा था। उसके बाद पुलिस ने शिव प्रताप और ओम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया।