बनभूलपुरा में अराजक तत्वों के मंसूबे काफी खतरनाक थे। उनकी मंशा न सिर्फ पुलिसकर्मियों को घेरकर मारने की थी, बल्कि शहर को भी अराजकता की आग में जलाने की थी। इसी मंशा से बनभूलपुरा थाने को चारों ओर से घेरकर आग के हवाले किया गया और अंदर बैठे पुलिसकर्मियों पर पेट्रोल बम से हमला किया गया, ताकि वह बाहर न निकल सकें।
प्रशासन उनके खतरनाक इरादों को भांपने में पूरी तरह विफल रहा। वह तो गनीमत थी कि गांधीनगर के लोगों ने समय रहते मोर्चा संभाल लिया और पत्रकारों समेत सैकड़ों पुलिसकर्मियों को बचा लिया। जांच इस बात की भी चल रही है कि कहीं इसके पीछे किसी प्रतिबंधित संगठन का हाथ तो नहीं है।
नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना एवं एसएसपी प्रहलाद नारायण मीना ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि बनभूलपुरा में गुरुवार को जो कुछ भी हुआ, वह पहले से सुनियोजित था। उपद्रवियों ने महिलाओं और बच्चों को आगे कर दिया और स्वयं उनके पीछे से हमला करते रहे।