
एमएसपी की कानूनी गारंटी पर रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बैठक हुई। इसमें केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई है। केंद्र के इस प्रस्ताव पर बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने कहा कि वह सभी संगठनों से बात कर आज इस पर अंतिम फैसला बताएंगे। वहीं हरियाणा के बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं।
किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच रविवार को चौथे दौर की बैठक में केंद्रीय मंत्रियों ने 4 फसलों मक्का, कपास, अरहर और उड़द पर MSP देने का प्रस्ताव दिया। इन्हें सहकारी सभाओं के जरिए पांच साल तक खरीदेंगे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि यह 5 साल का कांट्रैक्ट नैफेड और NCCF से होगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि फसलों का विविधीकरण बेहद जरूरी है, बशर्ते सरकार वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी की गारंटी दे। इसके बाद अन्य फसलों को भी इसके अंर्तगत लाया जा सकता है। हम केंद्र के इस प्रस्ताव पर किसान संगठनों के जवाब का इंतजार करेंगे।
केंद्र सरकार ने किसानों के सामने धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया है। इसके लिए किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से पांच साल का करार करना होगा।