राज्य सरकार की ओर से पिछले दिनों केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित गाइड लाइन की अक्षरशः पालना के आदेश जारी किए गए। इसके बाद से कोटा कोचिंग संस्थान चिंता में है। इस संबंध में कोटा स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी ने व्यवस्थागत चुनौतियां बताते हुए केंद्र की गाइडलाइन को लेकर स्पष्टीकरण मांग रहे है। सोमवार को कोटा के कोचिंग संचालक कोटा कलक्टर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी से मिले। गाइड लाइन से जुड़े कई मुद्दों पर स्पष्टीकरण जारी करने की मांग की।
सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कोचिंग के रजिस्ट्रेशन के लिए सक्षम अधिकारी कौन होगा और कहां आवेदन किया जाना है। नियमावली में क्रमांक-5 व 4 (आई) के लिए यह स्पष्ट नहीं है। यदि गाइडलाइन की पालना के संबंध में कोई शिकायत करनी हो तो भी सक्षम अधिकारी की जानकारी होनी चाहिए। इसका उल्लेख कहीं नहीं है। इसके साथ ही गाइडलाइन लागू करने के संबंध में भी तिथि भी स्पष्ट नहीं की गई है। जब तक ऑफिशियल गजट में इन निर्देशों को शामिल नहीं किया जाता। तब तक इन्हें एक विभागीय निर्देशों के रूप में ही देखा जाता है।
राज्य सरकार को इन निर्देशों की पालना के संबंध में तिथि भी जारी की जानी चाहिए थी। गाइड लाइन में स्पष्ट किया गया है कि रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किए जाने हैं, जबकि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए कोई वेब पोर्टल अभी तक नहीं है। सदस्यों ने कहा कि इस गाइडलाइन के जारी करने के बाद असमंजस की स्थिति भी बनी है। इससे पूर्व सितम्बर 2023 में जारी की गई गाइडलाइन की पालना की जा रही थी। अब नई गाइडलाइन आने पर क्या पुरानी गाइडलाइन अप्रभावी हो जाएगी। इस संबंध में भी स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए। गाइडलाइन लागू करने के साथ ही इसकी नियमावली व प्रक्रिया भी स्पष्ट की जानी चाहिए।
सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि गाइडलाइन लागू करने से पहले राज्य सरकार द्वारा स्टूडेंट्स के अधिकार और कोचिंग संस्थानों के पक्ष को लेकर कानूनी राय ली जानी चाहिए थी। इस संबंध में राज्य सरकार से कोटा स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी ने पूर्व में मांग भी की थी कि जब भी इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी, कोचिंग संस्थानों का पक्ष भी सुना जाएगा। लेकिन यहां कोचिंग संस्थानों का पक्ष सुने बिना ही इसे अक्षरशः लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया जो कि कोटा के कोचिंग संस्थानों के साथ अन्याय है।