
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम यानी CAA के तहत पोर्टल के जरिए भारत की नागरिकता देने का काम शुरू कर दिया गया है। इस कानून के मुताबिक, 31 दिसंबर, 2014 तक जो गैर-मुस्लिम शरणार्थी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए थे, उन्हें नागरिकता दी जाएगी। सरकार इन शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए एक ऐप भी लॉन्च करने जा रही है। ऑनलाइन सिस्टम के तहत नागरिकता लेने में किसी तरह की कोई दिक्कत आती है, तो इसके लिए जल्द ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जा रहा है।
इस हेल्पलाइन नंबर पर आवेदक सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक भारतीय नागरिकता लेने में आने वाली किसी भी समस्या से संबंधित जानकारी लेने के लिए कॉल कर सकेंगे। भारत में कहीं से भी इस हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया जा सकेगा। यह सेवा निशुल्क यानी फ्री रहेगी। इस नंबर पर कॉल करने वालों से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। कोशिश की जा रही है कि इसमें पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर की तरह कई लाइनें हों। इससे कोई आवेदक इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करे, तो उसे इंतजार ना करना पड़े।
इसके अलावा मंत्रालय पोर्टल के साथ ही इन तीन देशों से भारत आए हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी लोगों के लिए एक ऐप भी लॉन्च किया जाने वाला है। उम्मीद जताई जा रही है कि यह स्पेशल ऐप इसी सप्ताह तक लॉन्च कर दिया जाएगा। इस ऐप को भारतीय नागरिकता लेने के इच्छुक शरणार्थी अपने-अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करके बड़ी आसानी से फॉर्म भर सकेंगे। सीएए के जरिए इन तीन देशों से 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आने वाले कितने शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलेगी? इसके जवाब में संबंधित अधिकारियों ने कोई आंकड़ा तो नहीं बताया, लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे लोगों की संख्या 31 हजार से अधिक है। इनमें सबसे अधिक हिंदू हैं। इनकी संख्या 25 हजार से अधिक है। दूसरे नंबर पर करीब छह हजार सिख और फिर ईसाई, बौद्ध और पारसी हैं।