
उत्तराखंड विधानसभा से पारित समान नागरिक संहिता विधेयक ने अब कानून का रूप ले लिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के इस विधेयक को मंजूरी देने के बाद सरकार ने इसे अधिनियम के रूप में अधिसूचित कर दिया है। यद्यपि, यह कानून उस दिन से लागू होगा, जब सरकार इसकी अधिसूचना जारी करेगी।
सरकार ने इसकी नियमावली बनाने के लिए पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है, जो इस पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधेयक को मंजूरी देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का आभार प्रकट किया है।
प्रदेश में सभी धर्मों के व्यक्तियों के लिए समान कानून लागू करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक लेकर आई। विधानसभा से पारित होने पर सरकार ने इसे राजभवन से स्वीकृति मिलने के बाद अनुमति के लिए राष्ट्रपति को भेजा था। अब राष्ट्रपति ने इसे स्वीकृति प्रदान कर दी है।
प्रदेश सरकार ने इसे अब अधिनियम यानी कानून के रूप में अधिसूचित कर दिया है। स्वतंत्रता के बाद उत्तराखंड देश का ऐसा पहला प्रदेश बन गया है, जिसने समान नागरिक संहिता की दिशा में निर्णायक पहल की है।