
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली जल बोर्ड में अनियमितताओं से जुड़े दूसरे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन भेजा है।
ईडी का दावा है, डीजेबी का ठेका बढ़ी हुई दरों पर दिया गया, ताकि ठेकेदारों से रिश्वत वसूली जा सके। एजेंसी ने कहा, ठेके का मूल्य 38 करोड़ रुपये था और इस पर सिर्फ 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए और शेष राशि गबन कर ली गई। इस तरह के फर्जी खर्च रिश्वत और चुनावी कोष के लिए किए गए थे।
सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल को 18 मार्च को ईडी कार्यालय में पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है। वहीं, ईडी ने आबकारी नीति मामले में भी केजरीवाल को 9वां समन जारी किया है। मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत दर्ज यह दूसरा मामला है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को तलब किया गया है।
उन्हें पहले ही दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए आठ समन जारी किए गए, पर वह पेश नहीं हुए। केजरीवाल को अब 9वां समन जारी कर 21 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी ) से जुड़े मामले में जारी समन पर दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि कोई नहीं जानता कि डीजेबी का यह मामला किस चीज को लेकर है।
चुनाव की घोषणा के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। राजनीतिक बिसात पर भाजपा और आप आमने-सामने हैं। ईडी की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री को भेजे दो समन को आप गैरकानूनी ठहरा रही है, वहीं भाजपा का कहना है कि समन की अवहेलना कानून की अवहेलना है। केजरीवाल को ईडी ने इस बार दो समन भेजा है। आबकारी नीति मामले में 9वां समन भेजा गया है, वहीं जल बोर्ड में नियमों की अनदेखी को लेकर भी ईडी ने समन भेज दिया है।
चुनाव प्रचार से रोकने के लिए भाजपा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना चाहती है। यह कहना है आप की वरिष्ठ नेता व मंत्री आतिशी का।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए दो समन पर उन्होंने कहा कि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री राउज एवेन्यू कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। कोर्ट द्वारा उन्हें जमानत दे दी गई। आगे कानून के तहत काम होगा, लेकिन कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बिना ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति व जल बोर्ड मामले में भी समन भेज दिया।
आतिशी ने दावा किया कि दोनों झूठे मामले हैं। केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करके प्रचार को रोकना चाहती हैं। जबकि यह मामला कोर्ट में है। कानूनी प्रक्रिया चल रही है। केस पर बहस होगी और कोर्ट इस बात की जांच करेगा कि जो समन ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेज रही है क्या वो समन कानूनी है या नहीं।