प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के भूटान दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में भूटान को 10,000 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करेगा। दोनों पक्षों ने सहयोग को बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा, व्यापार और अंतरिक्ष सहित कई क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। पीएम मोदी ने भूटान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ प्राप्त करने के बाद यहां सभा को संबोधित किया।
इस दौरान यहां घोषणा की कि वह यह सम्मान पाने वाले सरकार के पहले विदेशी प्रमुख हैं। पीएम मोदी ने कहा, भारत और भूटान के रिश्ते जितने पुराने हैं, उतने ही आधुनिक और सामयिक भी हैं। दोनों देशों के बीच बी2बी और पी2पी दोनों प्रकार के संबंध हैं। उन्होंने कहा कि ‘बी2बी’ का मतलब है भारत से भूटान और ‘पी2पी’ का मतलब लोगों का लोगों से जुड़ना है।
मोदी ने भूटानी सरकार की 13वीं पंचवर्षीय योजना (एफवाईपी) के बारे में भी बात की और कहा, ‘हमारा पूरा समर्थन और सहयोग रहेगा।’ उन्होंने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में यह घोषणा की। भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के तहत भूटान के साथ भारत के अनूठे संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर यहां आए हैं।
भारत और भूटान शुक्रवार को व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने पर सहमत हुए। इसमें भूटान के किंग के दृष्टिकोण से गेलेफू विशेष प्रशासनिक क्षेत्र को विकसित करना भी शामिल है। इससे क्षेत्र में आर्थिक कनेक्टिविटी को और बढ़ावा मिलेगा।
गौरतलब है कि पीएम दो दिन के भूटान दौरे पर हैं। पीएम की पहले दिन की यात्रा की समाप्ति पर एक संयुक्त बयान में कहा गया कि स्थायी तरीके से अधिक से अधिक आर्थिक कनेक्टिविटी, आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देने और दोनों देशों के लोगों को करीब लाने के लिए विशेष रूप से निजी क्षेत्र के माध्यम से एक-दूसरे के साथ संबंधों को मजबूत किया जाएगा।