उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब हो गई है। उसने पिछले दिनों स्लो प्वॉइजन देने का आरोप लगाया था। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। उसका इलाज आईसीयू में चल रहा है। हालांकि, इस मामले में जिला प्रशासन, पुलिस और जेल प्रशासन की ओर से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है। दो दिन पहले मुख्तार अंसारी की सुरक्षा में लापरवाही को लेकर एक जेलर और दो डिप्टी जेलर सस्पेंड किया जा चुके हैं। सरकार की ओर से इस प्रकार का मामला सामने आने के बाद जांच की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। मुख्तार के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है। जेल में बंद मुख्तार पर चल रहे केसों की सुनवाई को तेज किया गया है। पिछले दिनों उसके खिलाफ सातवें केस में सजा का ऐलान किया गया है।
पूर्वांचल के डॉन मुख्तार अंसारी ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि उसे जेल में स्लो प्वॉइजन दिया गया है। 21 मार्च को बाराबंकी एमपी- एमएलए कोर्ट में चर्चित एम्बुलेंस केस में मुख्तार अंसारी की पेशी हुई थी। उसने वकील के माध्यम से कोर्ट में आवेदन दिया कि 19 मार्च की रात खाने में पॉइजन दिया गया। इसकी वजह से तबीयत खराब हो गई। मुख्तार ने अपने आवेदन में कहा था कि ऐसा लग रहा है मेरा दम निकल जाएगा। बहुत घबराहट हो रही है। कृपया मेरा सही से डॉक्टरों की टीम बनवाकर इलाज करवा दें। 40 दिन पहले भी उसने प्वॉइजन मिलाकर खाना देने का आरोप लगाया था।
बांदा जेल के अधीक्षक की ओर से मुख्तार अंसारी को धीमा जहर दिए जाने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया गया। उनका कहना है कि मुख्तार अंसारी को खाना देने से पहले सिपाही और फिर डिप्टी जेलर खाना खाते हैं। इसके बाद ही मुख्तार अंसारी को खाना दिया जाता है। जेल के 900 बंदी भी यही खाना खाते हैं। ऐसे में स्लो प्वॉइजन देने का आरोप बेबुनियाद है। साथ ही, जेल अधीक्ष की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को भी बड़ा दावा किया गया। जेल सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि सीसीटीवी के साथ पुलिस और पीएसी पूरे बैरक की निगरानी करती है। मैं खुद पूरे सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करता हूं। ऐसे में किसी के भी मुख्तार को धीमा जहर दिए जाने की संभावना कम है।