Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
बाबा केदारनाथ से धोखा? 228 KG सोना, साजिश और शंकराचार्य का सनसनीखेज दावा - The Indian Exposure

बाबा केदारनाथ से धोखा? 228 KG सोना, साजिश और शंकराचार्य का सनसनीखेज दावा

दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर बनाने को लेकर देश के कई जगहों पर विरोध हो रहे हैं. अब ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इसे लेकर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, “केदारनाथ में सोने का घोटाला हुआ है, उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया जाता है?” उन्होंने पूछा, “वहां घोटाला करने के बाद अब दिल्ली में केदारनाथ का निर्माण कराया जाएगा. फिर एक घोटाला होगा.” उन्होंने कहा, “केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया है. आज तक उस पर कोई जांच नहीं बैठाई गई है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है. अब यह कहा जा रहा है कि दिल्ली में केदारनाथ बनाएंगे, ऐसा नहीं हो सकता है.”

पीएम मोदी पर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा, “वो मेरे पास आए और प्रणाण किया. हमारा जो नियम है हमने उन्हें आशीर्वाद दिया. नरेंद्र मोदी हमारे दुश्मन थोड़े हैं. हम उनके हितैषी हैं, हमेशा उनका हित चाहते हैं. जब उनसे कोई गलती होती है हम उसको लेकर बोलते हैं.” श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति (बीकेटीसी) ने श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने पर सोशल मीडिया में फैलाये जा रहे भ्रम को षड्यंत्र का हिस्सा बताया है। कहा है कि दानी दाता द्वारा श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने की इच्छा प्रकट की गयी थी। दानीदाता की भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव का परीक्षण कर स्वर्णमंडित करने की अनुमति दी गयी।

बीकेटीसी ने स्पष्ट किया है कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानी दाता से दान स्वीकारा गया है और श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए प्रदेश शासन से अनुमति ली गई। भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देख रेख में स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया। बीकेटीसी द्वारा केदारनाथ मन्दिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने की अनुमति दानी दाता की पावन भावना के अनुरूप दी गयी। बीकेटीसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य स्वयं दानी दाता ने अपने स्तर से किया है। दानी दाता द्वारा अपने स्तर से ज्वैलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार करवाई गई और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई गई। दानी दाता ने अपने ज्वैलर्स के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित कराया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5481