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यूपी में बिजली विभाग का निजीकरण: आज काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे बिजलीकर्मी, सीएम को सौंपा पत्र - The Indian Exposure

यूपी में बिजली विभाग का निजीकरण: आज काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे बिजलीकर्मी, सीएम को सौंपा पत्र

उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग का निजीकरण: कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल और दक्षिणांचल बिजली निगमों को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (PPP) के तहत संचालित करने के निर्णय के खिलाफ बिजली कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन में जुट गए हैं। रविवार को कर्मचारियों ने विभिन्न अपार्टमेंट और कॉलोनियों में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के पदाधिकारियों से मुलाकात की और निजीकरण के संभावित नुकसान के बारे में जानकारी दी। कर्मचारियों ने यह भी आश्वासन लिया कि आरडब्ल्यूए इसके विरोध में उनका समर्थन करेंगे। इसके बाद, सोमवार को सभी बिजलीकर्मी काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे और लखनऊ समेत विभिन्न जिलों में विरोध सभाएं आयोजित करेंगे।

टीए की नियुक्ति पर उठे सवाल: उपभोक्ता परिषद ने की जांच की मांग

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर ट्रांजक्शन एडवाइजर (टीए) की नियुक्ति प्रक्रिया की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि एनर्जी टास्क फोर्स की विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है और इसके प्रस्तावों पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। उनके अनुसार, यह मामला भविष्य में सीएजी ऑडिट का महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है।

बिजली विभाग में सुधार के बावजूद निजीकरण की आवश्यकता पर सवाल

राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के प्रदेश महासचिव जितेन्द्र सिंह गुर्जर ने निजीकरण के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में वित्तीय सुधारों के बावजूद पूर्वांचल और दक्षिणांचल बिजली निगमों का निजीकरण प्रदेश के हित में नहीं है। उन्होंने बताया कि 2016-17 में जहां एटी एंड सी लॉसेस 40.79 फीसदी थी, वहीं अब यह घटकर 16.92 फीसदी रह गई है। साथ ही, राजस्व वसूली में भी भारी वृद्धि हुई है, जो 2019-20 में 41,219 करोड़ थी, जो अब 2023-24 में बढ़कर 62,069 करोड़ हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2025 तक 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आधारभूत ढांचे को सुधारने में किया है। इन आंकड़ों के आधार पर, कर्मचारियों ने बिजली चोरी रोकने और राजस्व वसूली बढ़ाने में निरंतर मेहनत की है।

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