राहुल गांधी: ‘भागवत ने किया संविधान का अपमान’, राहुल का हमला; महाराष्ट्र-हरियाणा चुनाव पर ECI से किया सवाल

कांग्रेस और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि मोहन भागवत ने संविधान पर हमला किया है, जिसे वह देशद्रोह और संविधान का अपमान मानते हैं। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि उनका कर्तव्य है कि वह पारदर्शिता के साथ चुनाव कराए और आयोग को महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों के डाटा को सार्वजनिक करना चाहिए। राहुल ने कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें डाटा देने से इनकार कर दिया है, जो उनकी भूमिका के खिलाफ है। राहुल गांधी ने मोहन भागवत के बयान का विरोध करते हुए कहा कि कल भागवत ने यह कहा कि संविधान हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक नहीं है, लेकिन यह बयान देशद्रोह है। उनका कहना था कि भागवत का यह बयान न केवल संविधान का अपमान है, बल्कि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम और उसके नायकों के प्रति भी अपमानजनक है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि पंजाब, कश्मीर और पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ता मारे गए, लेकिन फिर भी पार्टी अपने सिद्धांतों और मूल्यों के लिए खड़ी रही। राहुल गांधी ने कहा कि हम उन मूल्यों को इस इमारत में देख सकते हैं और यह दिखाता है कि हम किस प्रकार के सिद्धांतों पर आधारित पार्टी हैं। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि भारत में दो विचारधाराएं हैं, एक संविधान का विचार है और दूसरा आरएसएस का विचार है। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने बार-बार देश को यह बताया है कि वे स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के बारे में क्या सोचते हैं और उनका यह बयान देशद्रोह है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि मोहन भागवत ने यह कहकर कि संविधान अमान्य है और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ा गया संघर्ष अमान्य था, हर भारतीय का अपमान किया है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यदि मोहन भागवत किसी अन्य देश में ऐसा बयान देते, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता और उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाता। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज सत्ता में जो लोग हैं, वे तिरंगे को सलाम नहीं करते, राष्ट्रीय ध्वज को नहीं मानते और संविधान का सम्मान नहीं करते हैं। उनका भारत के बारे में नजरिया कांग्रेस से बिल्कुल अलग है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग चाहते हैं कि भारत को एक छायादार, गुप्त समाज की तरह चलाया जाए, जहां सिर्फ एक व्यक्ति का शासन हो और देश की आवाज को दबा दिया जाए। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जातियों और आदिवासियों की आवाज को दबाना है, जो कि उनका एजेंडा है। राहुल गांधी ने कहा कि इस देश में कोई भी पार्टी इन लोगों को रोक नहीं सकती, सिवाय कांग्रेस के। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक वैचारिक पार्टी है और इसकी विचारधारा आरएसएस की विचारधारा से पूरी तरह अलग है, क्योंकि कांग्रेस का आदर्श हजारों साल पुराना है और आरएसएस की विचारधारा से मुकाबला करती रही है। राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस केवल भाजपा और आरएसएस के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरी तरह से उनके द्वारा किए गए कब्जे का विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि इन दोनों संगठनों ने देश की लगभग हर संस्थान पर अपना कब्जा कर लिया है और अब यह लड़ाई केवल भाजपा और आरएसएस के खिलाफ नहीं बल्कि हर भारतीय राज्य की भी है, क्योंकि हर राज्य में इन दोनों संगठनों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। राहुल गांधी के बयान ने राजनीति के मैदान में एक नया विवाद खड़ा किया है और यह दर्शाया है कि कांग्रेस अपने पुराने सिद्धांतों पर आधारित रहते हुए आरएसएस और भाजपा के विचारों का विरोध करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5471