
झारखंड के जमशेदपुर में GST विभाग द्वारा की गई छापेमारी से हड़कंप मच गया है। विभाग ने एक साथ 8 विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई की, जिससे व्यापारियों और स्थानीय कारोबारियों में भारी हलचल देखी जा रही है। इस छापेमारी के पीछे 150 करोड़ रुपये के एक बड़े फर्जीवाड़े का मामला जुड़ा हुआ है। GST विभाग को लंबे समय से इस धोखाधड़ी की जानकारी मिल रही थी, जिसमें कारोबारियों द्वारा फर्जी बिलों के माध्यम से टैक्स चोरी की जा रही थी। आरोप है कि इस फर्जीवाड़े के जरिए बड़ी मात्रा में टैक्स चोरी की गई और कई कारोबारियों ने बिना वास्तविक लेन-देन के, नकली बिल तैयार किए, जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ।
जमशेदपुर में हुई इस छापेमारी के दौरान GST विभाग ने विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठानों और गोदामों पर तलाशी ली और संबंधित दस्तावेजों को जब्त किया। विभाग ने जांच में पाया कि इन जगहों पर विभिन्न फर्जी कारोबार और नकली बिलों का लेन-देन हो रहा था, जो इस धोखाधड़ी के बड़े नेटवर्क का हिस्सा थे। इस मामले में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। छापेमारी की कार्रवाई से कारोबारियों में डर और असमंजस का माहौल बना हुआ है, क्योंकि यह कार्रवाई किसी बड़े नेटवर्क की ओर इशारा कर रही है।
GST विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी से न केवल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यह व्यापारिक प्रणाली को भी नुकसान पहुंचाता है। अब विभाग इस मामले की गहरी जांच कर रहा है और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह छापेमारी झारखंड में टैक्स चोरी की रोकथाम की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है, और विभाग ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस प्रकार के मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।