महाकुंभ में हुए भगदड़ हादसे के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 7 बड़े बदलाव किए हैं। इस हादसे में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई थी, जिससे प्रशासन पर भारी दबाव आया था। इन बदलावों का उद्देश्य भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
प्रशासन ने सबसे पहले श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष उपाय किए हैं। इसके तहत, महाकुंभ के प्रमुख घाटों और संगम क्षेत्रों में सख्त सुरक्षा जांच व्यवस्था लागू की गई है। साथ ही, पुलिस बल की संख्या भी बढ़ाई गई है, ताकि किसी भी प्रकार की भगदड़ या अप्रिय घटना को रोका जा सके। प्रशासन ने हर श्रद्धालु के लिए एक पंजीकरण प्रक्रिया भी अनिवार्य कर दी है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी व्यक्ति बिना रजिस्ट्रेशन के परिसर में न प्रवेश करे।
इसके अलावा, बसंत पंचमी तक महाकुंभ क्षेत्र में सख्त सुरक्षा व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया गया है। प्रशासन ने इस दौरान हर प्रमुख स्थल पर सुरक्षा कैमरे और ड्रोन की निगरानी का भी फैसला लिया है, ताकि हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। वहीं, श्रद्धालुओं के लिए मार्ग और जाम की स्थितियों पर विशेष ध्यान देने की योजना बनाई गई है, ताकि कोई भी रास्ता बाधित न हो और हर व्यक्ति को आसानी से अपनी यात्रा पूरी करने का मौका मिले।
इन बदलावों के अलावा, प्रशासन ने इमरजेंसी सेवाओं को भी मजबूत किया है। मेडिकल टीमों की संख्या बढ़ाई गई है और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की तैनाती की गई है, ताकि किसी भी मेडिकल आपातकाल का तुरंत समाधान किया जा सके। इन कड़े सुरक्षा उपायों से प्रशासन का उद्देश्य महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है और ऐसी घटनाओं को रोकना है, जो भविष्य में बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती हैं।