राहुल गांधी का बयान: पीएम का आइडिया सही, लेकिन नाकाम; चीन और विदेश मंत्री को लेकर संसद में हंगामा

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आइडिया’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका विचार अच्छा था, लेकिन उसे लागू करने में पूरी तरह से नाकामी मिली है। राहुल गांधी का यह बयान चीन के साथ सीमा विवाद और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को लेकर था, जिसके बाद संसद में तीव्र हंगामा मच गया।

राहुल गांधी ने विशेष रूप से चीन के साथ भारतीय सीमा पर तनाव को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की नीतियों पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी का चीन के संबंध में जो भी दृष्टिकोण था, वह सही था, लेकिन उसके बावजूद जमीन पर कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए। राहुल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने चीन के सामने भारतीय संप्रभुता को कमजोर किया है और उस पर ध्यान नहीं दिया गया।

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस मुद्दे पर सही दिशा में काम करने में नाकाम रहे हैं। उन्होंने संसद में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में चीन से जुड़ी घटनाओं को लेकर विदेश मंत्री की कोई स्पष्ट नीति नहीं रही। राहुल गांधी का यह बयान जैसे ही संसद में सुनाया गया, कांग्रेस और विपक्षी दलों के सांसदों ने इसका समर्थन किया, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों ने इसे कठोर शब्दों में नकारा।

संसद में इस बयान को लेकर तीव्र बहस छिड़ गई, और दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कांग्रेस के सदस्य जहां राहुल गांधी के बयान का समर्थन कर रहे थे, वहीं बीजेपी सांसदों ने इसे “राजनीतिक बयानबाजी” करार देते हुए कहा कि चीन के खिलाफ भारत की नीति पूरी तरह से सफल रही है। बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हमेशा देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए मजबूत कदम उठाए हैं।

संसद में इस मुद्दे को लेकर हंगामा बढ़ने पर अध्यक्ष ने बीच-बचाव किया और सदन को शांति बनाए रखने का आग्रह किया। हालांकि, इस बीच कुछ विपक्षी सदस्य आक्रामक तरीके से अपने बयान पर जोर देते रहे, और बीजेपी के सांसदों ने इसका विरोध किया। राहुल गांधी के बयान ने एक बार फिर से कूटनीतिक और राजनीतिक विमर्श को जन्म दिया है, और इस विषय पर आने वाले दिनों में और चर्चा हो सकती है।

चीन के साथ तनावपूर्ण रिश्तों और भारतीय सरकार की नीति को लेकर विपक्ष का यह हमला बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती साबित हो सकता है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का मानना है कि सरकार को अपने कड़े रुख के बजाय चीन के मामले में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही दिखानी चाहिए।

वहीं, सरकार ने राहुल गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए इसे सस्ती राजनीति करार दिया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी ऐसे बयान देकर अपनी असफलताओं को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष का यह हमला तब आया है जब भारतीय सेना ने चीन के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा लिया और पाकिस्तान से लेकर चीन तक हर मोर्चे पर देश की रक्षा की है।

यह मुद्दा अब सिर्फ संसद तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि यह आगामी चुनावी रणनीतियों का हिस्सा भी बन सकता है, क्योंकि चीन और विदेश नीति पर उठाए गए सवाल राजनीतिक विमर्श में और गहरे मुद्दों को जन्म दे रहे हैं।

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