
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने उत्तर प्रदेश दौरे के दौरान इलाहाबाद, जो अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है, में प्रमुख धार्मिक स्थलों का दौरा किया। राष्ट्रपति ने कुंभनगरी पहुंचकर संगम में डुबकी लगाई और प्राचीन धार्मिक महत्व के स्थलों पर श्रद्धा व्यक्त की। यह यात्रा राष्ट्रपति के धर्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाती है, और उनके द्वारा देश के सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति सम्मान को भी सशक्त बनाती है।
राष्ट्रपति मुर्मु संगम क्षेत्र पर पहुंचे, जो गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के मिलन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। उन्होंने यहां पर विधिपूर्वक स्नान किया और तीर्थ स्थल की धार्मिक आस्था को महसूस किया। संगम पर स्नान करने के बाद राष्ट्रपति ने श्रद्धा के साथ वहां के प्रमुख मंदिरों में भी दर्शन किए। यह स्थल लाखों श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है, खासकर कुंभ मेला के दौरान जब यहां विश्वभर से लोग आते हैं।
इसके बाद, राष्ट्रपति मुर्मु बड़े हनुमान मंदिर गईं, जो प्रयागराज के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां उन्होंने भगवान हनुमान के दर्शन किए और मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है, और राष्ट्रपति ने इस मंदिर में आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर के पुजारियों ने उनका स्वागत किया और उन्हें विशेष पूजा अर्पित की।
इस यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति मुर्मु ने भारतीय संस्कृति और धार्मिक विविधता के महत्व को स्वीकारते हुए कहा कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक स्थल देश की एकता और अखंडता का प्रतीक हैं। उन्होंने इस प्रकार की यात्रा को देशवासियों के बीच आध्यात्मिक जागरूकता और परंपराओं के सम्मान को बढ़ावा देने के रूप में देखा।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने स्थानीय प्रशासन और मंदिर अधिकारियों से बातचीत की और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और रखरखाव के बारे में भी विचार-विमर्श किया। उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाओं और स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
राष्ट्रपति का यह दौरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सम्मान देने का एक अवसर भी था।