
उत्तराखंड के जोशीमठ में बढ़ते हिमस्खलन के खतरे और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने जोशीमठ में आपदा कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्णय लिया है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया की जा सके और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज़ी से शुरू किए जा सकें। मुख्यमंत्री ने इस फैसले के बाद खुद जोशीमठ क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया, जिससे उन्होंने बर्फबारी और हिमस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का जायजा लिया। हवाई सर्वेक्षण के दौरान सीएम धामी ने हिमस्खलन के संभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि संकट के समय प्रशासन तत्परता से काम कर सके और लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।जोशीमठ और इसके आसपास के क्षेत्रों में बर्फबारी और भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है। सीएम ने कहा कि इस आपदा कंट्रोल रूम के माध्यम से स्थानीय प्रशासन, बचाव दल और अन्य संबंधित विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा। कंट्रोल रूम के द्वारा 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी और किसी भी अप्रत्याशित घटना का तुरंत समाधान किया जाएगा। इस हवाई सर्वेक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की और उनके सुझावों व समस्याओं को सुना। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि जोशीमठ क्षेत्र और इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता अब तक राहत और बचाव कार्यों को तेज़ी से चलाना है। इसके अलावा, सीएम ने यह भी बताया कि प्रशासन को बर्फबारी और हिमस्खलन के खतरों को लेकर पहले से सतर्क कर दिया गया है। जोशीमठ में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए बचाव दलों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही, जोशीमठ क्षेत्र में पर्यटकों और स्थानीय निवासियों से सुरक्षित रहने की अपील की गई है, खासकर बर्फबारी और हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों में यात्रा करने से बचने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों से यह भी अपील की कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।