
उत्तराखंड में पर्यटन और विवाह उद्योग को एक नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार ने डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने की योजना तैयार की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं, ताकि राज्य में विवाह आयोजनों को आकर्षक बनाने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ हो सके। उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व, और पहाड़ी क्षेत्रों की खूबसूरती के कारण डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए एक आदर्श स्थल बन सकता है। मुख्यमंत्री धामी का मानना है कि इस पहल से राज्य की पर्यटन इंडस्ट्री को एक नया आयाम मिलेगा और राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।उत्तराखंड के कई क्षेत्र जैसे ऋषिकेश, नैनीताल, मसूरी, और हरिद्वार, जहां प्राकृतिक सौंदर्य और शांतिपूर्ण वातावरण है, वे डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए एकदम उपयुक्त हैं। इन स्थानों पर हो रही डेस्टिनेशन वेडिंग्स न केवल पर्यटन को बढ़ावा देंगी, बल्कि इनसे जुड़े उद्योगों जैसे होटल, कैटरिंग, परिवहन और सजावट आदि को भी फायदा होगा।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि वे डेस्टिनेशन वेडिंग की प्रक्रिया को सरल और आकर्षक बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। इसके तहत राज्य में उचित इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिससे दूल्हा-दुल्हन और उनके परिवार को शादी के आयोजन में कोई कठिनाई न हो। साथ ही, डेस्टिनेशन वेडिंग के आयोजन के लिए कानून और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी आसान बनाया जाएगा।राज्य सरकार की योजना है कि उत्तराखंड को एक प्रमुख डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल के रूप में स्थापित किया जाए, जिससे राज्य के पर्यटन उद्योग को नई गति मिले। इस दिशा में, सरकार स्थानीय समुदायों को भी शामिल करेगी, ताकि वे इस नई अवसर का लाभ उठा सकें और स्थानीय कला, संस्कृति, और परंपराओं को प्रमोट किया जा सके।इसके अलावा, राज्य सरकार विवाह आयोजनों के लिए जरूरी सुविधाएं जैसे हाई-एंड होटल, रिसॉर्ट, और वेडिंग प्लानिंग सर्विसेज के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी सुनिश्चित करेगी। अधिकारियों ने बताया कि इस पहल से न केवल राज्य के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय कारोबार, शादियों में काम करने वाले पेशेवरों और अन्य व्यवसायों को भी लाभ होगा।