2025 का पहला चंद्र ग्रहण होली पर, जानें क्या भारत में होगा इसका दृश्य

2025 का पहला चंद्र ग्रहण इस साल होली के दिन 7 मार्च को होगा, जो खगोलशास्त्र प्रेमियों के लिए एक शानदार घटना साबित हो सकती है। इस चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों के बीच उत्सुकता और जिज्ञासा का माहौल है, खासकर यह जानने के लिए कि क्या यह ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा या नहीं। इस ग्रहण को लेकर कई तरह की जानकारी और भविष्यवाणियां सामने आ रही हैं, और खगोलविदों ने इसकी विस्तृत जानकारी दी है।चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, और पृथ्वी का छाया चंद्रमा पर पड़ता है। इसका परिणामस्वरूप चंद्रमा धीरे-धीरे अंधेरे में डूब जाता है, जिससे चंद्र ग्रहण का दृश्य बनता है। यह घटना बहुत ही अद्भुत होती है, क्योंकि इसे देखने से चंद्रमा का रंग बदलता हुआ दिखाई देता है, और कभी-कभी इसे ‘ब्लड मून’ भी कहा जाता है, जब चंद्रमा लाल रंग का नजर आता है।

क्या भारत में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण?

इस ग्रहण के भारत में दृश्य होने की संभावना है, हालांकि इसका दृश्य केवल कुछ हिस्सों में ही स्पष्ट होगा। भारत के अधिकांश हिस्सों में यह ग्रहण आंशिक रूप से दिखाई देगा, जबकि कुछ इलाकों में यह पूरी तरह से दिखाई देगा। खासतौर पर भारतीय समयानुसार यह ग्रहण शाम के समय शुरू होगा और रात तक इसका असर देखने को मिलेगाभारत में इसे देखना खगोलशास्त्र प्रेमियों और आम लोगों के लिए एक अच्छा अवसर होगा, क्योंकि यह ग्रहण होली के दिन ही पड़ेगा। इस दिन को लेकर पहले से ही कई धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं, ऐसे में यह ग्रहण एक और आकर्षक घटना हो सकती है। हालांकि, ग्रहण के समय कुछ लोग इसे धार्मिक दृष्टिकोण से भी देख सकते हैं, और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय कुछ विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।

ग्रहण का समय और अवधि :

7 मार्च 2025 को यह चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 5:40 बजे से शुरू होगा, और रात 9:10 बजे तक इसका दृश्य देखा जा सकेगा। यह ग्रहण लगभग 3 घंटे 30 मिनट तक रहेगा, और इस दौरान चंद्रमा धीरे-धीरे पृथ्वी की छाया में डूबता जाएगा। ग्रहण का चरम समय रात 7:50 बजे होगा, जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में समा जाएगा और उस समय चंद्रमा का रंग बदल सकता है।

क्या देखना चाहिए और क्या नहीं?

चंद्र ग्रहण पूरी दुनिया में एक प्राकृतिक घटना है और इसे नंगी आंखों से देखना सुरक्षित होता है, इसके विपरीत सूर्य ग्रहण को देखने के लिए विशेष चश्मे की आवश्यकता होती है। चंद्र ग्रहण के दौरान यदि आकाश साफ है, तो यह दृश्य बहुत ही अद्भुत हो सकता है, और खगोलशास्त्र प्रेमियों के लिए यह एक शानदार अवसर है।सभी ग्रहणों की तरह, चंद्र ग्रहण भी कुछ धार्मिक मान्यताओं के साथ जुड़ा हुआ है। कई स्थानों पर इसे लेकर विशेष पूजा और अनुष्ठान भी आयोजित किए जाते हैं, और कुछ लोग इसे नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए विशेष रूप से अपने घरों को साफ करने और ध्यान करने के रूप में मानते हैं।

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