‘तीन दिन हैं, बच सके तो बच ले…’: मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री को मिली जान से मारने की धमकी

मध्यप्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी मिली है, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस सक्रिय हो गई हैं। धमकी देने वाला व्यक्ति सोशल मीडिया पर यह लिखते हुए आया कि “तीन दिन हैं, बच सके तो बच ले”, इस खौफनाक मैसेज ने मंत्री के समर्थकों और स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है।यह धमकी एक प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दी गई, और तेजी से वायरल हो गई। मंत्री ने इस संदेश को गंभीरता से लिया और तुरंत पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों से मदद मांगी। उनके द्वारा यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी और धमकी देने वाले व्यक्ति की पहचान की कोशिश कर रही है।मंत्री ने धमकी मिलने के बाद कहा कि यह उनके लिए एक डराने-धमकाने की कोशिश हो सकती है, लेकिन वह अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं आएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा।पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह धमकी एक अज्ञात व्यक्ति की ओर से दी गई, जिसने अपनी पहचान छिपाते हुए सोशल मीडिया पर यह संदेश पोस्ट किया। पुलिस इस मामले की गंभीरता को समझते हुए साइबर सुरक्षा टीम के साथ मिलकर आरोपी का पता लगाने की कोशिश कर रही है।मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में यह धमकी एक नया मुद्दा बन गई है। कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निंदा की है और मंत्री के पक्ष में समर्थन जताया है। विपक्षी दलों ने भी इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए राज्य सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग की है।धमकी मिलने के बाद मंत्री की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस अधिकारियों द्वारा उन्हें हर समय सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। इसके अलावा, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इस तरह के धमकी भरे संदेशों को रोकने के लिए कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।स्थानीय पुलिस ने कहा कि इस मामले में सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। मामले की त्वरित जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है।इस घटना ने सोशल मीडिया पर सुरक्षा और जिम्मेदारी की एक बार फिर से महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के खतरनाक संदेशों पर कड़ी निगरानी और उचित कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि किसी भी तरह की हिंसा या डर का माहौल न बने।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *