
उत्तराखंड में शराब की दुकानों के आवंटन में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है। राज्य सरकार ने शराब की दुकानों का आवंटन अब लॉटरी प्रणाली के माध्यम से करने का निर्णय लिया है, जो 20 और 22 मार्च को आयोजित की जाएगी। यह निर्णय राज्य में शराब की दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता, निष्पक्षता और समानता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।पहले, शराब की दुकानों का आवंटन विभिन्न प्रक्रियाों और आधारों पर किया जाता था, जिसमें कई बार पक्षपात और भेदभाव की शिकायतें उठती थीं। इसके बाद, राज्य सरकार ने इस व्यवस्था में बदलाव करने की आवश्यकता महसूस की और एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया। अब शराब की दुकानों के आवंटन के लिए लॉटरी प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे सभी इच्छुक और योग्य आवेदकों को समान अवसर मिलेगा।लॉटरी के माध्यम से शराब की दुकानों का आवंटन किए जाने से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी आवेदक के साथ भेदभाव न हो और सभी को समान अवसर मिले। यह व्यवस्था राज्य सरकार की ओर से एक सकारात्मक कदम है, जो शराब के व्यापार में पारदर्शिता को बढ़ावा देगा और किसी भी तरह की अनियमितताओं को रोकेगा। इसके अलावा, इससे राज्य में शराब के व्यवसाय को एक नई दिशा मिलेगी और व्यापारियों के लिए व्यवसायिक अवसरों की समानता सुनिश्चित होगी।इस प्रक्रिया को लागू करने से पहले राज्य सरकार ने इसके लिए व्यापक योजना बनाई है। लॉटरी के आयोजन के दौरान, इच्छुक व्यापारी और विक्रेता पहले से निर्धारित मानकों और पात्रताओं को पूरा करके लॉटरी में भाग ले सकेंगे। इसके बाद, 20 और 22 मार्च को आयोजित होने वाली लॉटरी के परिणाम के आधार पर शराब की दुकानों का आवंटन किया जाएगा।यह कदम राज्य सरकार के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे न केवल व्यापार में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि शराब की दुकानों का आवंटन पूरी तरह से निष्पक्ष रूप से किया जाए। लॉटरी के परिणाम आने के बाद, दुकानों के आवंटन से जुड़े सभी व्यापारियों को तुरंत जानकारी मिल जाएगी, जिससे वे अपने व्यापार की शुरुआत करने में सक्षम होंगे।इस निर्णय से राज्य में शराब के व्यापार में एक नई व्यवस्था स्थापित होगी, जो भविष्य में अन्य राज्य प्रशासनों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है।