
उत्तराखंड में प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद एक बार फिर से R-2 बंगला चर्चा का केंद्र बन गया है। यह बंगला हाल ही में तब सुर्खियों में आया, जब इसे प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद फिर से मीडिया में स्थान मिला। इस बंगले के इतिहास और इससे जुड़े विवादों को लेकर अब तक कई तरह की चर्चाएँ होती रही हैं। R-2 बंगला राज्य की राजनीति में कई बार विवादों का कारण बन चुका है। खासतौर पर जिन व्यक्तियों को इस बंगले का आवंटन हुआ, उनके लिए यह एक प्रतीक बन चुका है, लेकिन कई बार इसका आवंटन करने से राजनीतिक समीकरण भी बिगड़े हैं। प्रेमचंद अग्रवाल जैसे बड़े नेता के इस्तीफे के बाद इस बंगले को लेकर पुनः चर्चा तेज हो गई है। इस बंगले का आवंटन, जिनको भी हुआ, उनके लिए यह एक प्रतिष्ठित स्थान माना जाता था, लेकिन इस बंगले को लेकर राजनीतिक पृष्ठभूमि में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। जब भी इसे किसी विशेष व्यक्ति को आवंटित किया गया, तो अक्सर यह देखा गया कि इससे कुछ राजनीतिक समीकरण प्रभावित हुए हैं।R-2 बंगला, जो एक समय मुख्यमंत्री और अन्य बड़े नेताओं के लिए एक प्रतिष्ठान बन चुका था, अब राजनीतिक जटिलताओं और समीकरणों के चलते विवादों में घिर चुका है। प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद इस बंगले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी और चर्चाओं का दौर फिर से शुरू हो गया है।इस बंगलें का आवंटन या पुनः आवंटन भविष्य में और भी राजनीतिक हलचलों का कारण बन सकता है, और यह राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।