
नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी खरीदने के इच्छुक लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इन दोनों क्षेत्रों में सर्किल रेट्स (सर्किल दर) में लगभग 70 फीसदी तक वृद्धि करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय प्रॉपर्टी बाजार में एक बड़ा बदलाव ला सकता है, क्योंकि इससे इन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की खरीद और बिक्री महंगी हो जाएगी।सर्किल रेट वह न्यूनतम दर होती है, जिस पर किसी संपत्ति का लेन-देन किया जा सकता है। इसका निर्धारण सरकार द्वारा किया जाता है और यह राज्य के राजस्व के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सर्किल रेट में बढ़ोतरी के कारण अब यहां संपत्ति खरीदने वाले लोगों को ज्यादा खर्च करना होगा। यह वृद्धि खासकर उच्च मूल्य वाली प्रॉपर्टी, जैसे रिहायशी और व्यावसायिक संपत्तियों में अधिक प्रभाव डालेगी।यूपी सरकार ने यह फैसला प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के उद्देश्य से लिया है, और इसे राज्य सरकार के विकास कार्यों के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा, जो दिल्ली एनसीआर क्षेत्र का हिस्सा हैं, पहले से ही प्रॉपर्टी बाजार में काफी सक्रिय रहे हैं। यहां बढ़ी हुई सर्किल रेट्स का असर प्रॉपर्टी बाजार पर स्पष्ट तौर पर दिखाई देगा, जिससे खरीदारों और निवेशकों को अधिक धन खर्च करना पड़ेगा।इस सर्किल रेट वृद्धि का प्रभाव स्थानीय रियल एस्टेट एजेंटों, बिल्डर्स और संभावित खरीदारों पर भी पड़ेगा। जहां एक ओर यह कदम सरकार के राजस्व को बढ़ाने का एक प्रयास माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर रियल एस्टेट बाजार में और निवेशकों की संख्या में गिरावट की संभावना है। विशेष रूप से उन लोगों को जो प्रॉपर्टी निवेश के उद्देश्य से खरीदारी करते हैं, उन्हें अब अधिक निवेश करना पड़ेगा।उच्च सर्किल रेट के कारण कुछ खरीदारों की योजनाओं में बदलाव भी आ सकता है, क्योंकि अब उन्हें अधिक धनराशि चुकानी पड़ेगी। रियल एस्टेट उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि प्रॉपर्टी की कुल कीमत को प्रभावित करेगी, और आने वाले महीनों में प्रॉपर्टी की मांग में कुछ कमी आ सकती है।वहीं, रियल एस्टेट डेवलपर्स ने इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा है कि इस तरह की वृद्धि से बाजार में और अधिक अस्थिरता आ सकती है, और इससे निवेशकों का विश्वास टूट सकता है। उनका कहना है कि सरकार को सर्किल रेट में इतनी अधिक वृद्धि नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे पहले से ही महंगी हो रही प्रॉपर्टी की कीमतें और अधिक बढ़ सकती हैं।अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस वृद्धि के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी बाजार कैसे प्रतिक्रिया करता है, और क्या इससे बाजार में ठंडापन आता है या फिर निवेशकों की सक्रियता बनी रहती है।