उत्तराखंड: अब रजिस्ट्रार कार्यालय में होगा विवाह और वसीयत पंजीकरण, यूसीसी के तहत खत्म हुई ये बाध्यता

उत्तराखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य में विवाह और वसीयत पंजीकरण को रजिस्ट्रार कार्यालय में अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले के बाद अब राज्य के नागरिक विवाह और वसीयत को रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत करा सकेंगे, जो पहले केवल सीमित स्थानों पर संभव था। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए एक महत्वपूर्ण संशोधन के तहत लिया गया है, जो भारतीय न्यायिक प्रणाली को और अधिक सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक कदम है।इस बदलाव के तहत, अब कोई भी व्यक्ति अपने विवाह और वसीयत को रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकरण करा सकता है, जो पहले न्यायालयों और अन्य वैध स्थानों पर पंजीकरण के लिए बाध्य था। यह बदलाव विवाह और वसीयत के मामलों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किया गया है, जिससे नागरिकों को भविष्य में किसी भी कानूनी विवाद से बचने में मदद मिलेगी।इसके साथ ही, एक और महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है कि पहले जो कुछ बाध्यताएँ थीं, उन्हें समाप्त कर दिया गया है। पहले नागरिकों को कुछ विशेष स्थितियों में ही पंजीकरण के लिए योग्य समझा जाता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया सामान्य नागरिकों के लिए और अधिक सुलभ बना दी गई है। इस कदम से राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत और कानूनी जानकारी को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से पंजीकृत करवा सके। विशेष रूप से यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) के तहत यह फैसला लिया गया है, जो राज्य में एक समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में उठाया गया कदम है। यूसीसी का उद्देश्य विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच एक समान कानून व्यवस्था स्थापित करना है, जिससे विवाह और वसीयत जैसे मामलों में कोई भेदभाव न हो। यह कदम राज्य में समानता की ओर एक और सकारात्मक कदम है, जिससे सामाजिक न्याय और कानूनी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी। राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, इस पहल से न केवल सरकारी कार्यों में आसानी होगी, बल्कि नागरिकों को भी अपनी कानूनी प्रक्रियाओं को सरल और प्रभावी तरीके से पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, रजिस्ट्रार कार्यालय में विवाह और वसीयत पंजीकरण की प्रक्रिया को डिजिटल रूप से भी सुविधाजनक बनाने की योजना है, ताकि लोग घर बैठे ही इन प्रक्रियाओं को ऑनलाइन पूरा कर सकें। इस बदलाव से राज्य में कई पुराने नियमों और बाध्यताओं को खत्म किया गया है, जो पहले नागरिकों के लिए उलझन और परेशानियाँ पैदा करते थे। अब यह प्रक्रिया सरल और अधिक सुलभ होगी, जिससे नागरिकों को कानूनी मामलों में जल्द और सही समाधान मिल सकेगा। राज्य में इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है, क्योंकि यह नागरिकों के लिए एक नया अवसर है, जिससे वे अपनी कानूनी प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से पूरा कर सकेंगे।

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