
म्यांमार में एक विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई है, जिससे 1002 लोगों की मौत हो गई है और 2376 लोग घायल हुए हैं। यह शक्तिशाली भूकंप म्यांमार के कई क्षेत्रों में महसूस किया गया, जिससे घरों, इमारतों और बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान हुआ है। भूकंप के कारण बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए हैं, और कई लोग मलबे में दबे हुए हैं। इस आपदा ने देश के विभिन्न हिस्सों में गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है, और लोग तुरंत सहायता के लिए राहत कार्यों का इंतजार कर रहे हैं।भूकंप के बाद स्थानीय संसाधन तेजी से समाप्त हो गए हैं, और अब राहत कार्यों में जुटे हुए टीमें प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को निकालने, घायलों को चिकित्सा सहायता देने और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए काम कर रही हैं। आपदा के बाद के झटकों ने बचाव कार्यों को और मुश्किल बना दिया है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। प्रभावित क्षेत्रों में खाने-पीने की चीजों और पानी की भारी कमी हो गई है, और कई परिवारों की स्थिति अत्यंत दयनीय है।भारत ने इस संकट के समय में म्यांमार की मदद के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है। यह एक मानवीय सहायता अभियान है, जिसके तहत राहत कार्यों के लिए चिकित्सा आपूर्ति, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक संसाधन म्यांमार भेजे गए हैं। भारत सरकार ने जल्द से जल्द मदद पहुंचाने के लिए डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और बचाव दल को भेजा है, जो घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहे हैं और मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम कर रहे हैं।ऑपरेशन ब्रह्मा का मुख्य उद्देश्य न केवल तात्कालिक राहत प्रदान करना है, बल्कि म्यांमार के पुनर्निर्माण में भी मदद करना है। इसके तहत राहत शिविरों की स्थापना, चिकित्सा सहायता, और शरणार्थियों के लिए अस्थायी आवास प्रदान करने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही, प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छ पीने के पानी की आपूर्ति भी की जा रही है। भारत ने म्यांमार सरकार से भी संपर्क किया है और अतिरिक्त सहायता की पेशकश की है, ताकि इस आपदा से उबरने में और मदद मिल सके।म्यांमार में यह भूकंप ऐसे समय में आया है, जब यह क्षेत्र पहले ही कई चुनौतियों का सामना कर रहा था, और अब इस आपदा ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। भारत की त्वरित और समग्र प्रतिक्रिया इस बात का प्रतीक है कि भारत अपने पड़ोसियों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहता है। यह भारतीय- म्यांमार के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का भी एक उदाहरण है।इसके अलावा, भारत को यह सुनिश्चित करना है कि प्रभावित क्षेत्रों की पुनर्निर्माण प्रक्रिया को शीघ्र शुरू किया जाए, जिसमें बुनियादी ढांचे की बहाली और विस्थापित लोगों को पुनर्वासित करने की योजना शामिल है। यह भूकंप न केवल म्यांमार बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ा संकट है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई देश म्यांमार की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। म्यांमार में भूकंप से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए भारत और अन्य देशों द्वारा किए जा रहे प्रयास आगामी दिनों में भी जारी रहेंगे। ऑपरेशन ब्रह्मा के माध्यम से भारत की ओर से दी जा रही मदद यह दर्शाती है कि अंतरराष्ट्रीय संकटों के समय में देशों के बीच सहयोग कितना महत्वपूर्ण है। इस आपदा से उबरने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि घायलों को सहायता मिल सके और प्रभावित क्षेत्रों का पुनर्निर्माण किया जा सके।