
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों और वाहनों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक नया नियम लागू किया गया है। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब चारधाम यात्रा में ट्रिप कार्ड की वैधता सिर्फ दस दिन तक रहेगी, और वाहन एक ही यात्रा के दौरान दूसरा फेरा नहीं लगा सकेंगे। यह कदम यात्रा के दौरान बेहतर प्रबंधन और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
नया नियम और ट्रिप कार्ड की वैधता
चारधाम यात्रा पर जाने वाले हर वाहन को अब ट्रिप कार्ड प्राप्त करना अनिवार्य होगा। यह कार्ड यात्रा के दौरान वाहन के प्रवेश और बाहर निकलने की अनुमति देगा। पहले ट्रिप कार्ड की वैधता अनिश्चित थी, लेकिन अब इसे स्पष्ट रूप से दस दिन तक वैध किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि यदि कोई वाहन एक बार यात्रा पर जाता है, तो उसे अगले दस दिनों के भीतर वापसी करनी होगी। इसके बाद, वाहन को यात्रा पर जाने के लिए फिर से ट्रिप कार्ड प्राप्त करना होगा।
दूसरा फेरा नहीं मिलेगा
इसके साथ ही, एक और महत्वपूर्ण नियम यह है कि कोई भी वाहन अब दूसरे फेरे के लिए चारधाम क्षेत्र में नहीं जा सकेगा। यह निर्णय यात्रा में वाहनों की भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लिया गया है। पहले, कई वाहन चालक एक ही दिन में दो बार चारधाम यात्रा पर जाते थे, जिससे रास्तों पर वाहनों की संख्या बढ़ जाती थी और यात्रियों को असुविधा होती थी। अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर वाहन को एक बार ही यात्रा करने की अनुमति हो, ताकि यात्री निर्बाध रूप से यात्रा कर सकें।
आवेदन की प्रक्रिया
जो भी यात्री चारधाम यात्रा पर जाने के लिए ट्रिप कार्ड प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए सरकार ने एक सरल प्रक्रिया बनाई है, जिसके तहत वाहन मालिक को अपनी यात्रा की तारीख और रूट की जानकारी देनी होगी। ट्रिप कार्ड के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है, और आवेदन प्रक्रिया में कोई कठिनाई न हो, इसके लिए राज्य सरकार ने एक हेल्पलाइन भी शुरू की है। इसके अतिरिक्त, यात्रा के लिए आवश्यक अन्य दस्तावेज जैसे वाहन की पंजीकरण जानकारी और ड्राइवर का लाइसेंस भी मांगा जाएगा।
भीड़ नियंत्रण और यात्री सुरक्षा
चारधाम यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, और इस वर्ष कोविड-19 के बाद यात्रा में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में वाहनों की संख्या नियंत्रित करना आवश्यक था। इस नए नियम से यात्रियों की सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि अब ट्रैफिक जाम और सड़क दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाएगी। इसके अलावा, इस कदम से यात्रा के दौरान प्रदूषण में भी कमी आएगी, क्योंकि अधिक वाहन अब रास्तों पर नहीं चलेंगे।
चारधाम यात्रा का महत्व
चारधाम यात्रा हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक मानी जाती है। बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के पवित्र स्थल करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इस यात्रा के दौरान कई श्रद्धालु न केवल धार्मिक क्रियाएं करते हैं, बल्कि इन क्षेत्रीय स्थलों की प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद लेते हैं। यात्रा में वाहनों के अधिक चलने से इन क्षेत्रों की पर्यावरणीय स्थिति पर भी असर पड़ता है, जिसे ध्यान में रखते हुए इस नए नियम को लागू किया गया है।इस नए नियम से चारधाम यात्रा के दौरान यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाने की उम्मीद है। ट्रिप कार्ड की दस दिन की वैधता और वाहनों को दूसरा फेरा नहीं देने का निर्णय यात्री सुरक्षा और यात्रा प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे यात्रा के दौरान व्यवस्था बनी रहेगी और श्रद्धालु अपने पवित्र स्थल पर शांति से पूजा अर्चना कर सकेंगे।