
मुंबई: अमेरिकी सरकार द्वारा भारत पर लगाए गए नए टैरिफ और व्यापार शुल्क के प्रभाव से भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखी गई। शुक्रवार को बाजार खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही इंडेक्स में भारी नुकसान दर्ज हुआ। सेंसेक्स करीब 3900 अंक गिरकर 59,000 के स्तर से नीचे आ गया, जबकि निफ्टी ने 1100 अंक का नुकसान झेला। इस गिरावट के साथ ही निवेशकों को करीब 20 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।अमेरिकी प्रशासन की ओर से भारत के कुछ प्रमुख उत्पादों पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा से बाजार में हलचल मच गई। इससे भारतीय व्यापारियों और निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बन गया है, क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। इसके अलावा, वैश्विक बाजारों में भी गिरावट देखी जा रही है, जिससे भारतीय शेयर बाजार पर दबाव और बढ़ गया।विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय निर्यातकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जो अमेरिकी बाजारों में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसके अलावा, टैरिफ के कारण भारतीय कंपनियों की उत्पादन लागत में वृद्धि हो सकती है, जो उनकी मुनाफे की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है।रिपोर्टों के मुताबिक, भारतीय रुपये में भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोरी देखी गई, जो पहले से ही दबाव में चल रहे निवेशकों के लिए और अधिक चिंता का कारण बन गई। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय शेयर बाजार से पूंजी निकासी शुरू कर दी है, जिससे बाजार में और गिरावट आई है।सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट के कारण निवेशकों के पोर्टफोलियो में भारी नुकसान हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय का संकेत है, लेकिन इसके साथ ही वे यह भी मानते हैं कि अगर सरकार सही कदम उठाती है तो बाजार में सुधार की संभावनाएं भी हैं।सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को अब तत्काल उपायों की आवश्यकता है, ताकि बाजार में अस्थिरता कम हो सके और निवेशकों का विश्वास बना रहे। विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को निर्यातकों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं लागू करनी चाहिए और अमेरिकी व्यापार नीति के खिलाफ कूटनीतिक प्रयास तेज करने चाहिए। इस गिरावट ने निवेशकों को एक बड़ा झटका दिया है, और अब सभी की नजरें इस बात पर होंगी कि आने वाले दिनों में भारतीय सरकार और केंद्रीय बैंक किस प्रकार की नीतियां लागू करेंगे ताकि बाजार को स्थिर किया जा सके।