उत्तराखंड: रोडवेज बसों की कमी का संकट गहरा सकता है, 100 नई बसों की खरीद के लिए टेंडर में नहीं आई कोई कंपनी

उत्तराखंड में रोडवेज बसों की कमी एक गंभीर समस्या बन सकती है, खासकर जब राज्य परिवहन निगम ने 100 नई बसों की खरीद के लिए टेंडर जारी किया था, लेकिन अब तक किसी भी कंपनी ने इस टेंडर में भाग नहीं लिया है। यह स्थिति राज्य की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है, क्योंकि वर्तमान में रोडवेज बसों की कमी और अत्यधिक दबाव के कारण यात्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।राज्य परिवहन विभाग द्वारा यह टेंडर इस उद्देश्य से जारी किया गया था कि राज्य में बसों की संख्या को बढ़ाकर यात्री सुविधाओं में सुधार किया जाए। हालांकि, इस टेंडर में किसी भी कंपनी का नहीं आना इस मुद्दे की गंभीरता को और बढ़ा देता है। रोडवेज बसों की कमी की वजह से यात्रियों को भी लंबी दूरी की यात्रा में परेशानियों का सामना करना पड़ता है, और कई बार बसों की संख्या कम होने के कारण भीड़भाड़ होती है।अब सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों कोई कंपनी इस टेंडर में भाग नहीं ले रही है? इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि कंपनियों के लिए बसों की आपूर्ति में हो रही लागत वृद्धि, और बसों की खरीद के बाद रख-रखाव की जिम्मेदारी। साथ ही, कोविड-19 के बाद आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव और परिवहन क्षेत्र में मंदी के कारण कई कंपनियां नए निवेश के लिए संकोच कर रही हैं।राज्य सरकार और परिवहन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यह समस्या जल्द ही हल होनी चाहिए, क्योंकि राज्य में बसों की कमी को दूर करने के लिए यह टेंडर बेहद अहम था। अधिकारियों का कहना है कि अगर इस टेंडर में कोई कंपनी नहीं आती है, तो सरकार को दूसरे विकल्पों पर विचार करना होगा, जैसे कि बसों की खरीद के लिए अन्य वित्तीय मॉडल अपनाना या फिर बसों के रख-रखाव की जिम्मेदारी अन्य एजेंसियों को सौंपना।इस संकट का असर खासकर उत्तराखंड के दूरदराज के क्षेत्रों में देखा जा सकता है, जहां सड़कों के हालत ठीक नहीं हैं और यात्रियों को परिवहन के लिए समस्या होती है। सरकारी बस सेवा पर निर्भर रहने वाले लोग इससे प्रभावित होंगे, क्योंकि अगर बसों की संख्या में वृद्धि नहीं होती है, तो यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।उत्तराखंड रोडवेज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द ही इस मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठाएंगे। वहीं, सरकार भी इस संकट से निपटने के लिए योजना तैयार कर रही है। यदि किसी कंपनी ने टेंडर में भाग नहीं लिया, तो सरकार की ओर से अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा, ताकि राज्य की परिवहन व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।इस मुद्दे पर राज्य सरकार और परिवहन विभाग की ओर से जल्द ही कोई नया निर्णय लिया जा सकता है, जिससे रोडवेज बसों की कमी का समाधान हो सके और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके।

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