
उत्तराखंड के देहरादून में वाहनों की फिटनेस जांच अब आरटीओ कार्यालय में ही की जाएगी, और यह प्रक्रिया इस सप्ताह से लागू हो जाएगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राज्य सरकार को एक पत्र भेजकर इस नए निर्देश को तत्काल प्रभाव से लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसके तहत, अब तक जो वाहनों की फिटनेस जांच सड़क पर स्थित स्थाई केंद्रों पर होती थी, अब उसे राज्य परिवहन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय (आरटीओ) में ही किया जाएगा।इस कदम का मुख्य उद्देश्य वाहनों की फिटनेस जांच को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। केंद्रीय मंत्रालय का मानना है कि आरटीओ कार्यालय में फिटनेस जांच का आयोजन वाहन मालिकों और चालकों के लिए अधिक सुविधाजनक होगा, साथ ही यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि सभी वाहन सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हैं।इस नए सिस्टम के लागू होने से अब वाहनों की फिटनेस जांच के लिए वाहन मालिकों को किसी अन्य केंद्र पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे समय और पैसे की बचत होगी। इसके अलावा, आरटीओ में फिटनेस जांच के दौरान वाहन की रजिस्ट्रेशन डिटेल्स, इंजन नंबर, चेसिस नंबर, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी की तुरंत जांच की जा सकेगी, जिससे फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने में कोई गलती होने की संभावना कम हो जाएगी।केंद्रीय मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि यह कदम पूरे राज्य के परिवहन प्रणाली की दक्षता बढ़ाने के लिए उठाया गया है, और इसके परिणामस्वरूप वाहनों की दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया है कि आरटीओ अधिकारियों को इस प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि फिटनेस जांच के दौरान किसी भी प्रकार की गलती न हो और वाहन मालिकों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

इसके अलावा, राज्य परिवहन विभाग ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि सभी आरटीओ कार्यालयों में जरूरी उपकरण और तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, ताकि फिटनेस जांच की प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए। साथ ही, विभाग यह भी सुनिश्चित करेगा कि सभी अधिकारियों को इस नई व्यवस्था के तहत पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाए।देहरादून में इस नई व्यवस्था को लेकर वाहन मालिकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ वाहन मालिक इसे एक सकारात्मक कदम मानते हैं, क्योंकि अब उन्हें फिटनेस जांच के लिए दूर-दूर तक नहीं जाना पड़ेगा। वहीं, कुछ अन्य वाहन मालिकों का मानना है कि आरटीओ कार्यालयों में अतिरिक्त काम का दबाव बढ़ेगा और इससे कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।राज्य परिवहन विभाग का कहना है कि इस व्यवस्था को सफल बनाने के लिए जल्द ही एक सूचना और जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा, ताकि वाहन मालिकों को इस प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी मिल सके और वे बिना किसी समस्या के फिटनेस जांच करवा सकें।कुल मिलाकर, यह कदम उत्तराखंड में परिवहन व्यवस्था को और अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, और उम्मीद जताई जा रही है कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।