“GIC मेदनीपुर: एक साथ फेल हुई पूरी कक्षा, शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल”

उत्तराखंड के चंपावत जनपद स्थित राजकीय इंटर कॉलेज (GIC) मेदनीपुर में इस बार का 12वीं कक्षा का परीक्षाफल शिक्षा व्यवस्था की गंभीर स्थिति को उजागर करने वाला बन गया है। बीते दिनों उत्तराखंड बोर्ड द्वारा घोषित 12वीं के परिणाम में इस स्कूल की पूरी की पूरी कक्षा फेल हो गई है। एक भी छात्र-छात्रा उत्तीर्ण नहीं हो सका। यह स्थिति न केवल छात्र और उनके अभिभावकों के लिए निराशाजनक है, बल्कि शिक्षा विभाग की नीतियों और व्यवस्थाओं पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है।

पूरे गांव में मायूसी का माहौल

जब परिणाम घोषित हुए तो स्कूल के बाहर खुशी की बजाय मायूसी और आक्रोश का माहौल देखने को मिला। छात्रों की आंखों में उम्मीद की जगह निराशा तैर रही थी। कई अभिभावक स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग पर सवाल उठाते नजर आए। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल इस स्कूल के परिणाम लगातार गिरते जा रहे हैं, लेकिन इस बार तो हद ही हो गई।

क्या है वजह?

पूरे बैच के फेल होने की घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर ऐसी स्थिति आई क्यों? स्थानीय लोगों और छात्रों के अनुसार स्कूल में लंबे समय से शिक्षकों की भारी कमी है। विज्ञान वर्ग के विषयों के शिक्षक महीनों से अनुपस्थित हैं। वहीं, जो शिक्षक हैं, वे भी कभी-कभार ही कक्षा में पढ़ाने आते हैं। छात्रों ने बताया कि परीक्षा से पहले किसी भी विषय की पूरी तैयारी नहीं करवाई गई थी। समय पर किताबें उपलब्ध नहीं करवाई गईं और प्रायोगिक कक्षाएं भी नहीं हुईं।

शिक्षा विभाग की सफाई

जब इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने मामले की जांच कराने की बात कही। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि “मामला हमारे संज्ञान में आया है। जल्द ही जांच कमेटी गठित कर स्कूल का निरीक्षण कराया जाएगा। यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।”

राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की नाराजगी

इस घटना को लेकर स्थानीय सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने भी नाराजगी जताई है। क्षेत्रीय पंचायत प्रतिनिधियों ने शिक्षा विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया और जल्द से जल्द स्थिति सुधारने की मांग की।

छात्रों का भविष्य अधर में

इस फेल होने के चलते 12वीं के इन छात्रों का भविष्य संकट में आ गया है। जहां बाकी बच्चे उच्च शिक्षा के लिए आवेदन कर रहे हैं, वहीं यहां के छात्र नए सिरे से तैयारी करने और पुनः परीक्षा देने की चिंता में डूबे हुए हैं।GIC मेदनीपुर की यह घटना केवल एक स्कूल की कहानी नहीं है, बल्कि प्रदेश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था की जमीनी हकीकत को उजागर करती है। यह शिक्षा विभाग और राज्य सरकार के लिए चेतावनी है कि अगर अब भी सुधार नहीं हुआ तो आने वाले वर्षों में स्थिति और भी भयावह हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5464