“कैलाश मानसरोवर जाने वालों के लिए खुशखबरी, विदेश मंत्रालय ने यात्रा कार्यक्रम किया घोषित”

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 को लेकर विदेश मंत्रालय ने एक बड़ा अपडेट जारी किया है। मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष यात्रा जून से अगस्त माह तक आयोजित की जाएगी। इस महत्वपूर्ण घोषणा के बाद श्रद्धालुओं में एक बार फिर उत्साह देखने को मिल रहा है। कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन धर्म के श्रद्धालुओं के लिए बेहद आस्था और महत्व का केंद्र मानी जाती है, और हर साल हजारों श्रद्धालु इस कठिन लेकिन पवित्र यात्रा को पूरा करने के लिए प्रयासरत रहते हैं।विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि यात्रा के लिए आवेदन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी और इच्छुक श्रद्धालुओं को निर्धारित मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रियों को मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, और अन्य जरूरी दस्तावेज पहले से तैयार रखने होंगे। यात्रा के लिए सीमित स्लॉट रखे गए हैं ताकि पूरी प्रक्रिया को सुचारू और सुरक्षित ढंग से अंजाम दिया जा सके।इस बार की यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में कोविड महामारी और अन्य अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के कारण कैलाश मानसरोवर यात्रा प्रभावित रही थी। अब, यात्रा के पुनः सामान्य होने के साथ श्रद्धालुओं के लिए यह एक शुभ संकेत माना जा रहा है। यात्रा का समय जून से अगस्त तक तय किया गया है, क्योंकि यह अवधि मौसम के लिहाज से सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इस दौरान रास्ते अपेक्षाकृत खुले रहते हैं और मौसम यात्रा के अनुकूल होता है।विदेश मंत्रालय ने यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कई निर्देश भी जारी किए हैं। इनमें उच्च ऊंचाई पर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के उपाय, स्थानीय नियमों का पालन, तिब्बत क्षेत्र में अतिरिक्त सावधानियां और आपातकालीन स्थिति में विशेष हेल्पलाइन सेवाओं की व्यवस्था शामिल है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि तिब्बत सीमा में प्रवेश करने और वहां रुकने पर यात्रियों को कुछ अतिरिक्त शुल्क वहन करना पड़ सकता है, जिसकी विस्तृत जानकारी आवेदन प्रक्रिया के दौरान प्रदान की जाएगी।यात्रा की दो मुख्य मार्गों – लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) और नाथूला दर्रा (सिक्किम) – के विकल्पों पर भी चर्चा चल रही है। हालांकि अंतिम निर्णय मौसम और सीमा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। मंत्रालय ने सभी इच्छुक यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे केवल आधिकारिक पोर्टल और सूचनाओं के माध्यम से ही अपडेट प्राप्त करें और किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचें।गौरतलब है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से बल्कि साहसिक यात्रा प्रेमियों के लिए भी एक अनूठा अनुभव है। भगवान शिव का निवास स्थान माने जाने वाला कैलाश पर्वत और उसके समीप स्थित मानसरोवर झील, श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा और मानसिक शांति का अद्भुत अनुभव कराते हैं।यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा करना आसान नहीं होता। इसमें अत्यधिक शारीरिक और मानसिक सहनशक्ति की आवश्यकता होती है, क्योंकि यात्री ऊंचे पहाड़ी रास्तों, अत्यधिक ठंडे मौसम और सीमित सुविधाओं के बीच लंबी दूरी तय करते हैं। इसी कारण विदेश मंत्रालय ने यात्रियों को स्वास्थ्य जांच करवाने और यात्रा के लिए पूर्व तैयारी करने की सख्त सलाह दी है।इस घोषणा के बाद अब यात्रा के इच्छुक श्रद्धालुओं में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष बड़ी संख्या में लोग पवित्र कैलाश मानसरोवर की यात्रा का पुण्य लाभ उठा सकेंगे।

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