
उत्तराखंड के देहरादून जिले में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने एक धार्मिक स्थल को ध्वस्त करने के लिए संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में नगर निगम, राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने मिलकर सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाए गए धार्मिक स्थल को ढहा दिया। यह कार्रवाई राज्य सरकार के निर्देश पर की गई, ताकि अवैध कब्जों के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया जा सके और सरकारी जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।सूत्रों के मुताबिक, यह धार्मिक स्थल पिछले कुछ वर्षों से अवैध रूप से सरकारी जमीन पर निर्मित था और स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-अर्चना के लिए उपयोग किया जा रहा था। हालांकि, इसे लेकर कई शिकायतें आई थीं, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि यह धार्मिक स्थल गैर-कानूनी तरीके से स्थापित किया गया है और यहां के निर्माण कार्य भी बिना किसी अनुमति के किए गए थे। इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि सरकारी जमीन पर इस तरह का अवैध कब्जा समाज में गलत संदेश दे सकता है और इसके भविष्य में विवाद उत्पन्न होने की संभावना हो सकती है।राजस्व विभाग और नगर निगम के अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू की और पाया कि यह धार्मिक स्थल वास्तव में सरकारी जमीन पर बनवाया गया था। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के अवैध निर्माणों को समाप्त करना आवश्यक है, ताकि सरकारी भूमि का दुरुपयोग न हो और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक कड़ा कदम उठाया जा सके। इस निर्णय के बाद, एक टीम गठित की गई जिसमें पुलिस और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल थे।जैसे ही टीम ने कार्रवाई शुरू की, स्थान पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया ताकि किसी भी तरह के विरोध या अराजकता से निपटा जा सके। कार्रवाई के दौरान, स्थानीय प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी अप्रिय घटना न घटे और स्थिति को शांतिपूर्वक सुलझाया जा सके। टीम ने धार्मिक स्थल को ध्वस्त करने के बाद वहां की सभी निर्माण सामग्री और अन्य वस्तुओं को जब्त कर लिया।इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय निवासियों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों ने इस कदम का स्वागत किया और इसे सही ठहराया, जबकि कुछ अन्य ने इसे धार्मिक भावनाओं के साथ जुड़ा मामला मानते हुए इसका विरोध किया। हालांकि, प्रशासन ने साफ कर दिया कि यह कदम केवल अवैध कब्जों को हटाने के लिए उठाया गया है और किसी भी धार्मिक समुदाय के खिलाफ नहीं है।उत्तराखंड सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और कहा है कि भविष्य में इस तरह के अवैध कब्जों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी भूमि का इस्तेमाल केवल विकास कार्यों के लिए किया जाए और किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण न हो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से कहा है कि सभी जिलों में इस तरह के अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।राज्य सरकार की यह कार्रवाई सरकारी भूमि की सुरक्षा और अवैध कब्जों को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। स्थानीय प्रशासन और सरकारी विभागों को अब सतर्क रहने और भविष्य में इस तरह के मामलों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि जनता के बीच भरोसा कायम किया जा सके और सरकारी संपत्ति का सही तरीके से उपयोग हो सके।