
पाकिस्तान इस समय दोतरफा संकट का सामना कर रहा है, जहां एक ओर भारत ने अपनी रणनीति में कड़े कदम उठाए हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के अंदरूनी राजनीतिक संकट ने शहबाज शरीफ सरकार को कठिन स्थिति में डाल दिया है। पाकिस्तान की पीपुल्स पार्टी (PPP) ने शहबाज शरीफ सरकार को एक गंभीर चेतावनी दी है, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
भारत का एक्शन और पाकिस्तान के लिए चुनौतियां:
भारत ने हाल ही में पाकिस्तान पर कड़ा कदम उठाते हुए कई रणनीतिक फैसले किए हैं, जो पाकिस्तान के लिए एक चुनौती बनकर सामने आए हैं। भारत ने कश्मीर और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा रुख अपनाया है। साथ ही, भारत ने अपनी सीमा सुरक्षा को और मजबूत किया है और नौसेना, वायुसेना तथा थलसेना के सामरिक अभ्यासों को भी बढ़ा दिया है। भारत का यह कदम पाकिस्तान के लिए खतरे का संकेत है, क्योंकि पाकिस्तान को अपने राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में यह स्पष्ट संदेश मिला है कि भारत किसी भी स्थिति में अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा।इसके अलावा, भारत की सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया नेटवर्क ने पाकिस्तान से जुड़ी आतंकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी है, जो पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक दबाव उत्पन्न कर रहा है। पाकिस्तान के लिए यह स्थिति मुश्किलें और बढ़ा रही है, क्योंकि भारत के इन कदमों से पाकिस्तान के आर्थिक और सुरक्षा हालात पर नकारात्मक असर पड़ा है।
PPP का शहबाज सरकार को चेतावनी:
अब पाकिस्तान के अंदरूनी संकट ने शहबाज शरीफ की पीडीएम सरकार को घेर लिया है। सरकार की गठबंधन सहयोगी पार्टी पीपुल्स पार्टी (PPP) ने शहबाज सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने राजनीतिक असंतुलन को सुधारने के लिए जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो स्थिति और खराब हो सकती है। PPP का कहना है कि शहबाज शरीफ सरकार ने अपने गठबंधन सहयोगियों और पार्टी के नेताओं की आवाज़ को नजरअंदाज किया है, जिसके कारण सरकार को विपक्ष और उसके अपने सहयोगियों से भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है।PPP ने चेतावनी दी है कि अगर शहबाज शरीफ सरकार जल्द ही आर्थिक सुधारों और राजनीतिक असहमति के मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठाती, तो उनकी सरकार की स्थिति और भी कमजोर हो सकती है। PPP की ओर से यह भी कहा गया है कि इस्तीफा देने की बात कोई नई नहीं है, अगर सरकार की नीतियां सही दिशा में नहीं जाती हैं तो पाकिस्तान में राजनीतिक असंतुलन की स्थिति पैदा हो सकती है।
पाकिस्तान की राजनीति में असमंजस:
पाकिस्तान में राजनीतिक असमंजस की स्थिति अब बढ़ने लगी है। शहबाज शरीफ की सरकार को अपने सहयोगी दलों से समर्थन प्राप्त करना मुश्किल हो गया है। PPP के नेता ने कहा कि अगर शहबाज सरकार ने सहयोगी दलों की जरूरतों और चिंता को नजरअंदाज किया तो यह उनके राजनीतिक भविष्य के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने शहबाज शरीफ से आग्रह किया कि वे देश के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए जल्दी से जल्दी संवाद शुरू करें और पार्टी के नेताओं के साथ एक मजबूत राजनीतिक सहमति बनाने की कोशिश करें।
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव:
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में खटास लगातार बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान की मूलभूत सुरक्षा चिंताओं को लेकर भारत का कड़ा रुख उसके लिए और अधिक परेशानी का कारण बन सकता है। इसके अलावा, भारत द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध और सुरक्षा उपायों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंसाफ़ी दबाव भी बढ़ता जा रहा है।हालांकि, पाकिस्तान के कई नेता यह भी चाहते हैं कि भारत के साथ तनाव कम किया जाए, लेकिन पाकिस्तान में मौजूद कुछ ताकतें भारत के खिलाफ अपने रुख को जारी रखने पर आमादा हैं। इसके बावजूद, भारत का सख्त रुख और पाकिस्तान की आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता के कारण दोनों देशों के रिश्तों में तनाव कम होने के बजाय और बढ़ता जा रहा है।
आने वाले दिन पाकिस्तान के लिए चुनौतीपूर्ण:
पाकिस्तान के सामने आने वाले दिनों में कई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। एक तरफ जहां भारत की आक्रामक नीति से पाकिस्तान के खिलाफ दबाव बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के अंदरूनी राजनीतिक संकट और आर्थिक असंतुलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। PPP और अन्य राजनीतिक दल शहबाज शरीफ की सरकार पर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे शहबाज सरकार के लिए स्थिति और कठिन होती जा रही है।अब यह देखना होगा कि शहबाज शरीफ अपनी सरकार को सुदृढ़ करने के लिए क्या कदम उठाते हैं और क्या वे अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर पाकिस्तान के अंदर और बाहर दोनों ही मोर्चों पर संकट से उबरने में सफल हो पाते हैं।