
भारत में इस साल मई महीने में तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है, जबकि उत्तर भारत में बारिश का आंकड़ा भी अधिक रहने की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया कि 2025 के मई महीने में पूरे देश में गर्मी का स्तर कुछ अधिक रह सकता है, खासकर उत्तर, मध्य और पश्चिमी भारत के क्षेत्रों में। इस साल गर्मी में अपेक्षाकृत बढ़ोतरी की वजह से लोगों को अधिक गर्मी और उमस का सामना करना पड़ सकता है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी: आईएमडी ने यह भी कहा कि मई के दूसरे सप्ताह से अधिक तापमान महसूस किया जाएगा, जिसमें विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में अधिक गर्मी की संभावना है। इन राज्यों में औसत तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है। वहीं, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे पश्चिमी और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में भी पारा सामान्य से ऊपर रह सकता है। इस स्थिति के कारण लोगों को दिन में खासा गर्मी का सामना करना पड़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन की संभावना बढ़ सकती है।
बारिश का पूर्वानुमान: मौसम विभाग के अनुसार, इस साल उत्तर भारत में अधिक बारिश की संभावना है। विशेष रूप से हिमालय क्षेत्र, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में अत्यधिक वर्षा हो सकती है। यह बारिश गर्मी के बाद मौसम में राहत देने का काम करेगी, लेकिन भारी बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। विशेष रूप से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में मानसून की शुरुआत में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जो अधिकतर किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। हालांकि, यह वर्षा कुछ हिस्सों में देर से हो सकती है, जिससे मौसम का मिजाज ज्यादा अस्थिर रहेगा।
गर्मी और जलवायु परिवर्तन: भारत में बढ़ते तापमान का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल गर्मी के स्तर में वृद्धि के साथ-साथ बर्फीली चोटियों में बर्फ का पिघलना और जलवायु असंतुलन भी इसके कारण हो सकते हैं। यदि यह तापमान बढ़ता है, तो यह न केवल दैनिक जीवन को प्रभावित करेगा, बल्कि कृषि, जल आपूर्ति, ऊर्जा उत्पादन और स्वास्थ्य क्षेत्र को भी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
सावधानियां और उपाय: वर्तमान गर्मी को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों को कुछ खास सावधानियां बरतने की सलाह दी है। जैसे कि गर्मी से बचने के लिए घर से बाहर जाने पर हेड कवर पहनना, पानी का सेवन बढ़ाना, और अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए तेज धूप में बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। साथ ही, यह भी सलाह दी गई है कि लोग अपने घरों और कार्यालयों में पर्याप्त वेंटिलेशन सुनिश्चित करें, ताकि अंदर की हवा ताजगी और ठंडक बनाए रखे।बारिश के दौरान, जब अचानक जलभराव की समस्या उत्पन्न हो सकती है, तो लोगों को इसके लिए भी तैयार रहना होगा। सड़कों पर जलभराव से बचने के लिए प्रशासन द्वारा जलनिकासी के प्रयास किए जाएंगे, लेकिन नागरिकों को भी सूचित किया गया है कि वे जलभराव वाले इलाकों से दूर रहें।
कृषि पर प्रभाव: इस साल की अधिक बारिश किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है, खासकर उन इलाकों में जहां पानी की कमी रहती है। लेकिन अत्यधिक बारिश से कृषि क्षेत्र पर नकारात्मक असर भी पड़ सकता है, जैसे कि बाढ़ से फसलें बर्बाद हो सकती हैं। मौसम विभाग का कहना है कि किसानों को समय पर जल निकासी व्यवस्था और फसलों की सुरक्षा की तैयारी करनी चाहिए।इस साल मई में अधिक गर्मी और बारिश दोनों का मिश्रित प्रभाव देखने को मिलेगा। लोगों को गर्मी के मौसम के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है और साथ ही उत्तर भारत में बढ़ी हुई बारिश के लिए भी सतर्क रहना होगा। मौसम विभाग लगातार अपनी रिपोर्ट्स से लोगों को अपडेट करेगा ताकि लोग किसी भी अनहोनी से बच सकें और गर्मी और बारिश के इस मौसम का बेहतर तरीके से सामना कर सकें।