तनावपूर्ण हालात में उत्तराखंड प्रशासन अलर्ट मोड में, अधिकारी 24×7 निगरानी में

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र उत्तराखंड सरकार ने राज्यभर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। केंद्र सरकार से प्राप्त इनपुट और खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद राज्य प्रशासन ने एहतियातन कई कड़े कदम उठाए हैं। विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को बेहद सख्त कर दिया गया है। इसके तहत अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को 24 घंटे की ड्यूटी पर तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक उच्च स्तरीय आपात बैठक में प्रशासन, पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य की सीमा पर हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की जाए और आम नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि रखी जाए।उत्तराखंड के प्रमुख जिलों — देहरादून, उधमसिंह नगर, नैनीताल, पौड़ी और हरिद्वार में विशेष निगरानी तंत्र सक्रिय किया गया है। जिला प्रशासन को भी निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्तर पर शांति समिति की बैठकें बुलाकर लोगों को सतर्क रहने की अपील करें, परंतु अफवाहों से दूर रहें। सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्टों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।राज्य के गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि अपर सचिव स्तर के अधिकारी अब लगातार 24 घंटे तक राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष से जुड़े रहेंगे और सभी जिलों से आने वाली जानकारी को मॉनिटर करेंगे। किसी भी आपात स्थिति में त्वरित निर्णय लेने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को ऑन-कॉल और ऑन-फील्ड रहने के लिए कहा गया है।उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक (DGP) ने सभी पुलिस अधीक्षकों को चौकसी बरतने और सीमा सुरक्षा बलों के साथ समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए हैं। राज्य के संवेदनशील स्थलों, जैसे सैन्य क्षेत्रों, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वाड को भी एक्टिव मोड में रखा गया है।जनता से अपील की गई है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या प्रशासन को दें। राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है।भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर भले ही सीमाई इलाकों पर अधिक हो, परंतु उत्तराखंड जैसे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य ने जिस तत्परता से प्रतिक्रिया दी है, वह प्रशंसनीय है। सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है — शांति, सुरक्षा और जनता का विश्वास बनाए रखना।

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