
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर देशभर में राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। एक ओर जहाँ केंद्र सरकार लगातार सुरक्षा एजेंसियों और सशस्त्र बलों के साथ संपर्क में है, वहीं राज्य सरकारें भी पूरी सतर्कता बरत रही हैं। इसी कड़ी में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की और राज्य की तैयारियों तथा सुरक्षा प्रबंधन की जानकारी दी।सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच यह चर्चा लगभग 25 मिनट तक चली, जिसमें पाकिस्तान सीमा से सटे गुजरात के संवेदनशील जिलों—कच्छ, बनासकांठा, पाटन, और जामनगर की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया गया। यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं और किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता हो सकती है।
गुजरात सरकार हाई अलर्ट पर
सीएम पटेल ने पीएम मोदी को बताया कि गुजरात सरकार ने राज्य के सभी सीमावर्ती और संवेदनशील जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। पुलिस, होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस के जवानों को तैनात कर दिया गया है। साथ ही, राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF) और चिकित्सा टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है।मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, राज्य में विशेष नियंत्रण कक्ष (Control Room) भी सक्रिय किया गया है, जो 24×7 निगरानी रखेगा और केंद्र से आने वाले निर्देशों के अनुसार त्वरित कार्रवाई करेगा।
सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ी
कच्छ की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर BSF के साथ-साथ स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों की सक्रियता बढ़ा दी गई है। बंदरगाहों, पेट्रोकेमिकल प्लांट्स और अन्य संवेदनशील परिसरों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राज्य पूरी तरह तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सरकार की तत्परता की सराहना की
प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा की गई तैयारियों की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। उन्होंने राज्य प्रशासन को निर्देश दिए कि वे आम जनता के बीच जागरूकता बनाए रखें, लेकिन किसी भी प्रकार की अफवाह फैलने से रोकें।
मुख्यमंत्री की बैठक गृह विभाग और सैन्य अधिकारियों के साथ भी
प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद सीएम पटेल ने गांधीनगर में राज्य के गृह विभाग, खुफिया इकाइयों और सैन्य अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में सीमावर्ती गांवों की स्थिति, जनता की सुरक्षा, आपात राहत प्रणाली और आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता की समीक्षा की गई।मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिलों में स्थिति पर नजर रखें और लोगों में अफरा-तफरी न मचने दें। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से कहा कि वे “शांति समितियों” की बैठकें बुलाकर समुदायों को साथ लेकर काम करें। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के इस संवेदनशील दौर में गुजरात सरकार ने जो सक्रियता दिखाई है, वह न केवल राज्य की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि केंद्र और राज्य मिलकर किसी भी राष्ट्रीय संकट से निपटने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत यह संकेत देती है कि आने वाले समय में रणनीतिक तैयारियों को और भी तेज किया जाएगा।