
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य और कूटनीतिक तनाव को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए शहर में आतिशबाजी और पटाखों पर दो महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला जिला मजिस्ट्रेट (DM) ने किया है, और इसका उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखना, शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस आदेश के तहत 2 महीने तक किसी भी व्यक्ति को पटाखे जलाने की अनुमति नहीं होगी।
तनावपूर्ण स्थिति के बीच सुरक्षा बढ़ाई गई
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान के साथ सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और इस समय किसी भी प्रकार की सार्वजनिक अशांति, प्रदूषण, या शोर-शराबा से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है। पटाखे जलाने से उत्पन्न होने वाले शोर और ध्वनि प्रदूषण को लेकर भी चिंताएं थीं, क्योंकि यह माहौल में तनाव और असुरक्षा की भावना को बढ़ा सकता था।
चंडीगढ़ के डिस्ट्रीकट मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य केवल नागरिकों की सुरक्षा और शांति बनाए रखना है। “आतिशबाजी से न केवल प्रदूषण में वृद्धि होती है, बल्कि यह किसी भी आपात स्थिति में नुकसान भी कर सकता है। इस समय हमें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है,” उन्होंने कहा।
आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी
पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने के बाद, चंडीगढ़ पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वे सभी सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी बनाए रखें और यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विशेष जांच टीमें भी बनाई गई हैं जो प्रमुख स्थानों और बाजारों में निगरानी रखेंगी।
साथ ही, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह की दंगा या सार्वजनिक अशांति की स्थिति में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव
पटाखों से होने वाले शोर और वायु प्रदूषण का पर्यावरण पर प्रभाव भी इस फैसले के पीछे एक बड़ा कारण है। भारत में दीपावली जैसे त्योहारों के दौरान पटाखों से होने वाले प्रदूषण की समस्या हर साल गंभीर होती है। चंडीगढ़ प्रशासन ने इस आदेश के जरिए वायु गुणवत्ता को बनाए रखने और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।
चंडीगढ़ के विभिन्न पर्यावरण संगठनों ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया है। उनके अनुसार, यह कदम शहर के निवासियों के स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद करेगा और प्रदूषण में कमी लाएगा।
जनता की प्रतिक्रिया
चंडीगढ़ की जनता ने इस निर्णय पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ लोग इस फैसले को सही मानते हुए कहते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण के दृष्टिकोण से यह जरूरी था, जबकि कुछ ने इसे त्योहारों की खुशियों पर रोक लगाने वाला कदम बताया। हालांकि, अधिकांश लोग सुरक्षा और शांति की दिशा में यह कदम जरूरी मान रहे हैं। भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन का यह कदम स्पष्ट करता है कि प्रशासन नागरिकों की सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने के लिए कोई भी जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। हालांकि यह आदेश अस्थायी है, लेकिन यदि सीमा पर स्थिति और बिगड़ती है तो यह प्रतिबंध बढ़ाया भी जा सकता है। चंडीगढ़ प्रशासन ने नागरिकों से सहयोग की अपील की है और कहा है कि इस कदम का उद्देश्य केवल शांति, सुरक्षा और पर्यावरण की रक्षा करना है।