
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून एक बार फिर अवैध प्रवासियों के ठिकाने के रूप में सामने आई है। शहर के विभिन्न इलाकों से पांच से छह संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। यह कार्रवाई केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियों द्वारा साझा इनपुट पर की गई, जिसमें देहरादून पुलिस, स्पेशल ब्रांच, और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर इन लोगों को हिरासत में लिया।
फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में बना रखी थी पहचान
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक फर्जी पहचान पत्र, जैसे आधार कार्ड और वोटर आईडी, के माध्यम से खुद को भारतीय नागरिक दर्शा रहे थे। इनमें से कुछ लोगों ने यहां मजदूरी और छोटे-मोटे कामों के जरिए अपने रहने का इंतजाम किया था, जबकि कुछ किराए पर रह रहे थे। इनमें से कई ने स्थानीय निवास प्रमाण पत्र और सिम कार्ड भी बनवा लिए थे, जिससे उनकी पहचान स्थापित करना मुश्किल हो गया था।
एजेंसियों को लंबे समय से थी सूचना
गुप्तचर एजेंसियों को बीते कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि देहरादून में कुछ संदिग्ध लोग अवैध रूप से रह रहे हैं और उनकी गतिविधियां संदेहास्पद हैं। इसी सूचना के आधार पर बीते 24 घंटे के भीतर एक संगठित अभियान चलाया गया, जिसमें इन विदेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया। सभी संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है और उनकी नागरिकता की पुष्टि की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट, भविष्य में और सख्ती की तैयारी
उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती राज्य में इस तरह की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन अब इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। शहर के किरायेदारों का सत्यापन अभियान फिर से तेज कर दिया गया है और मकान मालिकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किसी भी बाहरी व्यक्ति को किराए पर न रखें।
क्या बोले अधिकारी?
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने प्रेस को जानकारी देते हुए कहा, “हम किसी भी कीमत पर राज्य की सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे। जिन लोगों को पकड़ा गया है, उनकी पूरी पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है। यदि ये लोग बांग्लादेशी नागरिक साबित होते हैं, तो इन्हें विदेशियों के अधिनियम के तहत देश से निष्कासित किया जाएगा।” देहरादून में इस तरह की अवैध घुसपैठ ने प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। राज्य सरकार अब शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। इस कार्रवाई से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खुफिया तंत्र की सजगता अत्यंत आवश्यक है।