
उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में कई बार घूम चुकी और वहां के धार्मिक स्थलों के वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड कर चुकी ज्योति मल्होत्रा अब जासूसी के गंभीर आरोपों के घेरे में है। वह पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में देश की सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में है। केंद्र और राज्य की जांच एजेंसियां इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं और संभावना जताई जा रही है कि ज्योति ने न केवल धार्मिक स्थलों, बल्कि देहरादून सहित राज्य के कई सामरिक दृष्टि से संवेदनशील इलाकों के भी वीडियो बनाए होंगे।
ज्योति मल्होत्रा के यूट्यूब चैनल पर उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थस्थलों के कई वीडियो देखे जा सकते हैं। इनमें केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसे प्रमुख पवित्र स्थान शामिल हैं। एक वीडियो में उसने केदारनाथ में खाने-पीने, आवास और अन्य व्यवस्थाओं का भी जिक्र किया था। इसके अलावा, उसने वहाँ रहने वाले साधु-संतों से बातचीत कर कई वीडियो बनाए, जिन्हें सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया है। इन वीडियोस के माध्यम से वह स्थानीय जीवन और परिवेश का बारीकी से अध्ययन करती नजर आई।
अधिकारी यह भी आशंका जता रहे हैं कि उसके द्वारा बनाए गए वीडियो केवल धार्मिक और पर्यटन संबंधी जानकारी तक सीमित नहीं थे, बल्कि ये राज्य की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण स्थानों की विस्तृत जानकारी भी जुटा रहे थे। ऐसे में केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा इन वीडियो सामग्री और उसकी गतिविधियों की गहराई से जांच की जा रही है।
ज्योति मल्होत्रा का नाम उन कुछ जासूसों की सूची में भी शामिल है, जिन्हें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पकड़ा गया था। इस ऑपरेशन में कई संदिग्ध जासूसों को देश के सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान यह सामने आया है कि ज्योति का पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ निकटतम संपर्क था और वह उनकी मदद से भारत में संवेदनशील सूचनाओं को जुटा रही थी।
राज्य और केंद्र की एजेंसियां इस मामले में पूरी सतर्कता से काम कर रही हैं और ज्योति मल्होत्रा के नेटवर्क की भी पड़ताल कर रही हैं ताकि किसी भी तरह की और संवेदनशील जानकारी बाहर न जा सके। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत गंभीर माना जा रहा है और आगे की जांच जारी है।