
कोलकाता में सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील पूर्वी सेना मुख्यालय के पास हाल ही में एक अनधिकृत ड्रोन उड़ान की घटना सामने आई है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। यह क्षेत्र ‘नो-फ्लाइंग जोन’ घोषित है, यानी यहां किसी भी प्रकार के ड्रोन या छोटे विमानों को उड़ाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। बावजूद इसके, कुछ अज्ञात ड्रोन को इस क्षेत्र में उड़ते हुए देखा गया, जिससे पुलिस और सैन्य अधिकारियों में हड़कंप मच गया और तुरंत ही हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया।
इस घटना के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। ड्रोन के उड़ान स्रोत और इसके ऑपरेटर की खोज के लिए विशेष टीम गठित की गई है। सुरक्षाकर्मियों का मानना है कि यह ड्रोन गुप्त जानकारी इकट्ठा करने के उद्देश्य से उड़ाया गया हो सकता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। पूर्वी सेना मुख्यालय की सुरक्षा को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है, इसलिए ड्रोन की मौजूदगी से वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
पुलिस और सैन्य एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि ड्रोन कहां से आया और किसका यह है। इसके अलावा, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए इलाके में और भी कड़े सुरक्षा इंतजाम किए जाने की योजना बनाई जा रही है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और आसपास के इलाकों के लोगों से भी सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी देने की अपील की है।
यह घटना उस समय आई है जब पूरे देश में ड्रोन सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ रही है और कई संवेदनशील स्थलों के आस-पास ‘नो-फ्लाइंग जोन’ लागू किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के ड्रोन उड़ानों से न केवल सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित होती है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा पैदा होता है। इसलिए ऐसे मामलों की जांच और रोकथाम के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियां इस घटना की गहराई से जांच कर रही हैं और जल्द ही मामले के असली पहलुओं का खुलासा होने की उम्मीद है। फिलहाल, पूरे क्षेत्र में सख्त सुरक्षा व्यवस्था लागू है और ड्रोन जैसी घटनाओं को दोबारा रोकने के लिए सभी संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है।