
इस्राइल ने गुरुवार को घोषणा की कि वह अधिकृत वेस्ट बैंक क्षेत्र में 22 नई यहूदी कॉलोनियां स्थापित करेगा। इसके साथ ही सरकार की अनुमति के बिना बनाई गई कई चौकियों को भी आधिकारिक दर्जा दिया जाएगा। 1967 के मध्य पूर्व युद्ध के दौरान इस्राइल ने वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और पूर्व यरूशलम पर कब्जा किया था। वहीं, फलस्तीन के लोग इन इलाकों पर अपना अधिकार वापस पाने और एक स्वतंत्र फलस्तीन राज्य की स्थापना के लिए प्रयासरत हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस्राइल के इस फैसले का विरोध कर रहा है, क्योंकि उनका मानना है कि यहूदी कॉलोनियों का विस्तार भविष्य में इस्राइल-फलस्तीन विवाद को और जटिल बना देगा। इस्राइली रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज ने इस निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि कॉलोनियों के विस्तार से जुडएआ और समारिया क्षेत्र में इस्राइल की पकड़ मजबूत होगी। उनका कहना है कि इससे इस्राइल की ऐतिहासिक जमीन पर दावा मजबूत होगा और फलस्तीनियों के आतंकवाद को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने इसे रणनीतिक दृष्टि से भी जरूरी बताया ताकि इस्राइल पर संभावित खतरों को कम किया जा सके।
वर्तमान में वेस्ट बैंक में 100 से अधिक यहूदी कॉलोनियां हैं, जहां लगभग पाँच लाख लोग रहते हैं। इन कॉलोनियों में आवासीय क्षेत्र, शॉपिंग मॉल, फैक्ट्री, पार्क जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। वहीं, वेस्ट बैंक में लगभग 30 लाख फलस्तीनी लोग रहते हैं, जो इस्राइल के प्रशासन के अंतर्गत आते हैं, और यहां के कई फलस्तीनी नागरिकता भी रखते हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस्राइल ने वेस्ट बैंक में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है और तेजी से निर्माण कार्य चल रहे हैं, जबकि फलस्तीनी इलाकों का विस्तार घटता जा रहा है। ट्रंप प्रशासन के दौरान इस्राइल के वेस्ट बैंक कब्जे को कानूनी मान्यता देने की कोशिश हुई थी, लेकिन बाइडन प्रशासन ने इसका विरोध किया। संयुक्त राष्ट्र की अदालत ने भी इस्राइल के इस कब्जे को गैरकानूनी करार दिया है।
गाजा युद्ध के बाद इस्राइल ने गाजा पट्टी के 70 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है। साल 2005 में इस्राइल ने गाजा से अपनी कॉलोनियां हटा ली थीं, लेकिन अब नई सरकार गाजा में पुनः यहूदी कॉलोनियों की स्थापना पर विचार कर रही है। इसके साथ ही गाजा की फलस्तीनी आबादी को कहीं और बसाने की योजना भी बनाई जा रही है, जिस पर फलस्तीनी समुदाय ने कड़ा विरोध जताया है।