
भारत की समुद्री शक्ति और आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता का प्रतीक आईएनएस विक्रांत एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के मंच पर चर्चा में रहा जब देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके डेक से एक सशक्त संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “भारत अब सहन नहीं करता, भारत अब सीधा जवाब देता है।” यह बयान सिर्फ एक भाषण नहीं था, बल्कि यह भारत की नई रणनीतिक सोच और आत्मनिर्भर सैन्य नीति की घोषणा जैसा था।
रक्षा मंत्री ने आईएनएस विक्रांत पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब भारत किसी भी प्रकार की आक्रामकता या उकसावे पर चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा कि भारत अब वह देश नहीं रहा जो केवल प्रतिक्रिया देता है, बल्कि यह वह भारत है जो पहले से तैयार रहता है और आवश्यकतानुसार कठोर निर्णय लेने से पीछे नहीं हटता।
राजनाथ सिंह ने यह भी बताया कि आईएनएस विक्रांत भारत में बना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है, जो देश की आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने नौसेना के शौर्य, समर्पण और समुद्री प्रभुत्व की भी प्रशंसा की और कहा कि INS विक्रांत जैसे जहाज भारत को समुद्री सीमा में अजेय बना रहे हैं।
इस मौके पर रक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत शांति का पक्षधर जरूर है, लेकिन कमजोरी नहीं है। उन्होंने कहा, “हम शांति चाहते हैं लेकिन किसी भी कीमत पर अपने आत्मसम्मान और संप्रभुता से समझौता नहीं करेंगे।”
INS विक्रांत से यह हुंकार न सिर्फ पड़ोसी देशों के लिए एक कड़ा संदेश है, बल्कि यह देशवासियों के मन में आत्मविश्वास भरने वाला भी है कि भारत अब किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटेगा।
इस पूरे कार्यक्रम में भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि, सैन्य विशेषज्ञ और मीडिया मौजूद रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की रक्षा क्षमता को प्रदर्शित करना और दुनिया को यह दिखाना था कि “नया भारत अब सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर और दृढ़संकल्पित है।”