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उत्तराखंड में भीषण गर्मी ने बढ़ाई बिजली की मांग, आपूर्ति व्यवस्था चरमराई - The Indian Exposure

उत्तराखंड में भीषण गर्मी ने बढ़ाई बिजली की मांग, आपूर्ति व्यवस्था चरमराई

उत्तराखंड में बढ़ती गर्मी और लगातार बढ़ती उमस ने बिजली व्यवस्था की कमर तोड़ दी है। प्रदेश में बुधवार को बिजली की मांग 6.1 करोड़ यूनिट के पार पहुंच गई, जो अब तक का एक नया रिकॉर्ड है। इस अचानक और भारी मांग के कारण प्रदेश के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित रही और उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) को भी व्यवस्था संभालने में पसीने छूट गए।

बिजली की मांग ने पिछले रिकॉर्ड को पछाड़ा

गौरतलब है कि यह लगातार दूसरा वर्ष है जब प्रदेश में जून महीने में बिजली की मांग ने 6 करोड़ यूनिट का आंकड़ा पार किया है। वर्ष 2023 में भी 13, 14 और 15 जून को बिजली की मांग क्रमशः 6.1 करोड़ से 6.2 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई थी। लेकिन उससे पहले के चार वर्षों में जून महीने में कभी भी बिजली की मांग 5.5 करोड़ यूनिट से अधिक नहीं हुई थी।

वर्षअधिकतम मांग (जून माह में)
20246.1 करोड़ यूनिट (12 जून)
20236.2 करोड़ यूनिट (14-15 जून)
20225.4 करोड़ यूनिट (14 जून)
20214.7 करोड़ यूनिट (29 जून)
20204.1 करोड़ यूनिट (18 जून)

इस वर्ष भी 11 जून को मांग 6 करोड़ यूनिट के करीब पहुंच गई थी और 12 जून को यह आंकड़ा पार कर गया। यह स्थिति इस बात का स्पष्ट संकेत है कि राज्य में गर्मियों के मौसम में ऊर्जा की खपत तेजी से बढ़ रही है और मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर पर अतिरिक्त दबाव डाल रही है।

कई स्थानों पर बाधित रही बिजली आपूर्ति

गर्मी और ओवरलोड के कारण प्रदेश में कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बाधित रही। मंगलवार को 7 बड़े सब-स्टेशनों पर आपूर्ति रुक गई, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बाधित आपूर्ति का विवरण इस प्रकार है:

  • 132 केवी बिंदाल: 21 मिनट
  • 132 केवी लालतप्पड़: 22 मिनट
  • 132 केवी भूपतवाला: 21 मिनट
  • 132 केवी ज्वालापुर: 29 मिनट
  • 132 केवी पदार्था: 13 मिनट
  • 220 केवी ऋषिकेश और आईडीपीएल: 27 मिनट
  • 132 केवी रामनगर: 2 घंटे 32 मिनट

इन क्षेत्रों में बार-बार ट्रिपिंग और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव की शिकायतें भी दर्ज की गई हैं। हालांकि, यूपीसीएल का दावा है कि फिलहाल कहीं भी घोषित पावर कट लागू नहीं किया गया है।

काशीपुर गैस प्लांट हुआ सक्रिय

बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए यूपीसीएल ने काशीपुर स्थित 321 मेगावाट क्षमता के गैस आधारित प्लांट को भी चालू कर दिया है। इस प्लांट के लिए पहले से ही गैस की खरीद की जा चुकी थी और इमरजेंसी की स्थिति में इस्तेमाल के लिए रिजर्व में रखी गई थी। अब जब प्रदेश में बिजली की मांग चरम पर है, तो इस रिजर्व का उपयोग कर आपूर्ति को संतुलित करने की कोशिश की जा रही है।

बाजार से बिजली खरीद जारी

राज्य में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए यूपीसीएल प्रतिदिन लगभग 40 लाख यूनिट बिजली बाजार से खरीद रहा है। यह खरीद डेडिकेटेड पावर एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से की जा रही है, ताकि ट्रिपिंग और लोड शेडिंग की स्थिति को रोका जा सके।

यूजेवीएनएल की परियोजनाओं से राहत

गर्मी के मौसम में उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL) की 21 पनबिजली परियोजनाओं से उत्पादन दो करोड़ यूनिट तक पहुंच गया है। हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद ग्लेशियरों के पिघलने और हाल की बारिश के चलते जल स्तर में वृद्धि हुई है, जिससे उत्पादन में तेजी आई है। यह अतिरिक्त उत्पादन यूपीसीएल को सप्लाई को बनाए रखने में सहायक साबित हो रहा है। उत्तराखंड में इस समय बिजली की मांग अपने चरम पर है। यूपीसीएल की ओर से आपूर्ति बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें गैस प्लांट का संचालन, हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से अधिकतम उत्पादन और ओपन मार्केट से बिजली खरीद शामिल है। लेकिन फिर भी, ओवरलोड के चलते कई क्षेत्रों में आपूर्ति बाधित हो रही है। आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ने की आशंका है, जिससे बिजली विभाग की चुनौती भी बढ़ेगी।

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