“भाई को खोने का दर्द अब भी वैसा ही है: सुशांत की बहन श्वेता की भावुक पोस्ट ने फिर से जगा दी इंसाफ की उम्मीद”

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की असमय और रहस्यमयी मौत को आज पूरे पांच साल हो चुके हैं, लेकिन न उनके चाहने वालों का दुख कम हुआ है और न ही उनकी यादें फीकी पड़ी हैं। 14 जून 2020 को आई यह दिल दहला देने वाली खबर ने न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। आज, उनकी पांचवीं पुण्यतिथि पर, बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने एक बेहद भावुक वीडियो और थ्रोबैक तस्वीरों के ज़रिए अपने भाई को याद किया, जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं।श्वेता ने इंस्टाग्राम पर शेयर किए वीडियो में सुशांत को सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक विचार बताया। उन्होंने कहा कि सुशांत एक ऐसी सोच थे जो जीवन, ज्ञान, करुणा और प्रेम को आत्मसात करता था। उनकी मासूमियत, अंतर्मन की जिज्ञासा और लोगों से जुड़ने की भावना उन्हें बाकी सब से अलग बनाती थी। श्वेता ने भावुक होकर कहा, “वो हर उस इंसान में जीवित हैं, जो अच्छाई, सच्चाई और प्यार को जीता है। वो हमें यही सिखा कर गए थे कि हर दिन कुछ नया सीखो, किसी की मदद करो और बिना शर्त अपनाओ।”उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुशांत के नाम का इस्तेमाल किसी भी नफरत, राजनीति या नेगेटिविटी के लिए नहीं किया जाना चाहिए। “जो लोग उन्हें जानते थे, वो जानते हैं कि वो हमेशा पॉजिटिव ऊर्जा, रिसर्च, विज्ञान और करुणा में यकीन रखते थे,” श्वेता ने लिखा। साथ ही, उन्होंने बताया कि सीबीआई ने अब इस केस में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी है और परिवार उसे प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “इंसाफ की राह लंबी हो सकती है, लेकिन विश्वास और उम्मीद को कभी छोड़ना नहीं चाहिए।”वीडियो के साथ-साथ श्वेता ने कुछ अनदेखी तस्वीरें भी शेयर कीं, जिनमें सुशांत अपने पिता और बहन के साथ दिखाई दे रहे हैं। इन तस्वीरों में उनके चेहरे पर जो मुस्कान और मासूमियत थी, वो आज भी लाखों दिलों को छूती है।गौरतलब है कि सुशांत की मौत के बाद से ही श्वेता सिंह कीर्ति लगातार इंसाफ की मांग करती रही हैं। मार्च 2024 में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की थी कि इस केस की जांच में तेजी लाई जाए। सुशांत के चाहने वालों के लिए यह दिन केवल एक अभिनेता को श्रद्धांजलि देने का दिन नहीं है, बल्कि उस इंसान की विचारधारा और प्रेरणा को जीवित रखने का दिन है, जो आज भी लाखों दिलों में ज़िंदा है।

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