
उत्तराखंड के पवित्र केदारनाथ धाम की यात्रा एक बार फिर मौसम की चुनौती से जूझ रही है। पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। खासकर कुबेर ग्लेशियर और भैरव ग्लेशियर जैसे संवेदनशील स्थानों पर भूस्खलन और ग्लेशियर टूटने का गंभीर खतरा मंडरा रहा है। इन परिस्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत कर दिया है।जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देश पर सभी प्रमुख ग्लेशियर प्वाइंट्स पर सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। इनमें उत्तराखंड पुलिस, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF), वाइएमएफ (IMF – Indian Mountaineering Foundation) जैसी टीमें शामिल हैं जो लगातार मौके पर मौजूद रहकर यात्रियों को सुरक्षित मार्ग पार कराने में सहायता कर रही हैं।प्रशासन ने यात्रियों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की अपील की है। ग्लेशियर प्वाइंट पर चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं और सुरक्षाकर्मी लोगों को समय-समय पर सतर्क कर रहे हैं। इसके अलावा पैदल मार्ग पर नजर रखने के लिए निगरानी टीमों को भी सक्रिय किया गया है, जो मौसम के अनुसार यात्रा को नियंत्रित करने का कार्य करेंगी।जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने जानकारी दी कि कुबेर और भैरव ग्लेशियर पर बारिश के दौरान अधिक खतरा बना रहता है। इसलिए यहां विशेष चौकसी बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि यात्रियों की संख्या बढ़ने के चलते सुरक्षा बलों को हर समय सतर्क रहने और जोखिम वाले क्षेत्रों में लोगों की मदद करते रहने के निर्देश दिए गए हैं।वहीं, मौसम विभाग द्वारा अगले कुछ दिनों तक भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है, ऐसे में केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को सुझाव दिया गया है कि वे मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा पर निकलें। यदि आवश्यक हो तो प्रशासन द्वारा यात्रा को अस्थायी रूप से रोके जाने की संभावना भी जताई गई है, जिससे किसी भी तरह की जनहानि से बचा जा सके।पवित्र धाम की ओर बढ़ते कदमों को फिलहाल मौसम की मार ने धीमा कर दिया है, लेकिन प्रशासन और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से यात्रियों को हर संभव सुरक्षा देने का प्रयास जारी है। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पूरी तरह पालन करें और सुरक्षित यात्रा को प्राथमिकता दें।